पुलिस ने भैरुजी मंदिर परिसर में छोड़ा
बड़ा सवाल – धोद व सांवलोदा लाडखानी से रींगस 75 किमी. पुलिस ने मजदूरों को क्यों नहीं रोका
रींगस [अरविन्द कुमार] सीकर, धोद व सांवलोदा लाडखानी से फसल कटाई व भवन निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों की रहने व खाने की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सात दिन पहले अपने गांव मदना खेड़ी जिला बांरा व गुना, विदीशा मध्यप्रदेश के लिए पैदल ही रवाना हो गए प्रशासन की लापरवाही के चलते इनको करीब 75 किलोमीटर की दूरी तय करने के दौरान किसी ने भी रोक कर सुध लेने की जहमत नही उठाई। जबकि मजदूर वर्ग के रहने व खाने की व्यवस्था करने के लिए सरकार के निर्देश है। जिनकों रींगस पुलिस द्वारा भैंरुजी मंदिर परिसर में छोड़ा गया। मजदूरों के आने का क्रम 3 दिन से जारी है। जिनकी रविवार को राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ चेना राम चौधरी के द्वारा स्क्रीनिंग की गई और साफ सफाई रखने, मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखने आदि दिशा निर्देश दिए गए। सरगोठ जिला बॉर्डर पर मजदूरों को रोका गया तब वहां से ट्रैक्टर में भरकर भैंरुजी मंदिर परिसर में छोड़ा गया। प्रशासन की बड़ी लापरवाही यह है कि रींगस कस्बे में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर पर छोड़ने की बजाय सार्वजनिक स्थान पर खुले में मजदूरों को छोड़ने का अंजाम कितना भयानक हो सकता है। मजदूर वर्ग में 13 मजदूर मध्य प्रदेश के गुना जिले के रहने वाले हैं जो धोद क्षेत्र में फसल कटाई का कार्य करते थे वही 24 मजदूर बांरा जिले के मदना खेड़ी गांव के रहने वाले हैं जो सीकर के सांवलोदा लाडखानी गांव में फसल कटाई का कार्य करते थे और रविवार को आए 47 मजदूर सीकर में भवन निर्माण कार्य में मजदूरी करते थे जो मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के रहने वाले हैं। रिपोर्टर द्वारा दूरभाष के माध्यम से उपखंड अधिकारी लक्ष्मीकांत गुप्ता से संपर्क साधा गया तो उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कही।