चिड़ावा, चिड़ावा -सिंघाना सड़क मार्ग बस स्टैंड लालचौक पर नहर की मांग किसानों का धरना आमजनता द्वारा संचालित राजु कुमावत की अध्यक्षता में आज 233 वें दिन भी जारी रहा। ग्यारहवें महीने को पार करते हुए अब बारहवें महीने में प्रवेश की तैयारी है नहर आंदोलन बहुत बड़ा, प्रभावी तरीके से ऊंचा उठेगा और सरकार के साथ ईंट से ईंट बजना तय माना जा रहा है। यदि नहर मिली शेखावाटी में। क्योंकि सरकार को गुमान है अपनी ताकत का और किसानों में ताकत है अपनी नहर की मांग को लेकर जीने मरने का सवाल खड़ा हो गया है । और यदि सरकार विकास की बड़ी बड़ी डींगें हांकती हैं तो एक तरह की बेमानी है। शेखावाटी का विकास तो तभी सम्भव है जब नहर आऐगी । धरने को संबोधित करते हुए नहर आंदोलन प्रवक्ता विजेन्द्र शास्त्री ने कहा कि सरकार चाहे समय कितना भी लगादे हम अबकी बार विश्वास तभी करेंगे कि जब नहर का काम धरातल पर होगा। अन्यथा वादे कितने भी करें हम विश्वास नहीं करेंगे और सिंचाई का पानी हमारा हक है निश्चित रूप से संघर्षरत हैं लेकर ही दम लेंगे।दिन, महीने, साल कितने भी लगें हम नहीं हटेंगे । सरकार हमसे जैसा बर्ताव करेगी वैसा ही जवाब देंगे किसान,पिने का पानी न रहा, सिंचाई बर्बाद, पशुधन न रहा, खेती बर्बाद,आय खत्म, रोजगार खत्म, कहां जाऐं क्या होगा कुछ नहीं सूझता है किसान का आमजन का भविष्य शेखावाटी में अंधकारमय हुआ है। बारह महीने निकलना मुश्किल है। अतः सरकार इमानदारी से काम करे और नहर लाऐ वरना हम आमना सामना करते हुए पूरी ताकत से मुकाबला करेंगे पानी के लिऐ। धरने पर आज उपसचिव ताराचंद तानाण, यात्रा संयोजक रणधीर ओला, महिला अध्यक्षा सुनिता साईं पंवार, सतपाल चाहर, उपाध्यक्ष बजरंग लाल,प्रभुराम सैनी, बिमला यादव, सुनिता यादव, चमेली लुहार,पांची लुहार, भतेरी,मनोहर लाल सैनी, जीवनी देवी, जितेन्द्र, रवि,ओमप्रकाश सैनी, महीपाल चाहर, अशोक बसेरा,धापां देवी, निसार अलि खान, अंकित वर्मा, विक्रम सिंह दादिया, राजेश चाहर, नौजवान सभा के जयन्त चौधरी, सौरभ सैनी, करण कटारिया, नवीन आदि उपस्थित रहे।