भामाशाह व आपणी मानवता सेवा संस्थान ने एक दिन में चार लाख रुपये डाले पीडि़त के खाते में
दांतारामगढ़(लिखासिंह सैनी) जिन्दगी में हादसे पुछ कर नही आते है ,ओर होनी को कोई टाल नही सकता है , हर जाट के घर भी ठाठ नही होता है । परोपकार का एकमात्र साक्षी ईश्वर ही है, आओ मिलकर परोपकार करें किसी के मददगार बने। खीचड़ो की ढा़णी सुलियावास के सुरेश कुमार खीचड़ पुत्र बंसीलाल खीचड़ उम्र 32 साल छः वर्ष पहले रोजगार के लिए विदेश गया था । सुरेश को 7 फरवरी 2015 में सऊदी अरब की एक कंपनी में लेबर का काम करते हुए, ब्रेन अटैक आया था। सुरेश का सऊदी अरब में भी ईलाज कराया ओर भारत देश आने पर सीकर ,जयपुर में भी घर वालों ने बहुत ईलाज कराया । सुरेश की वजह से घरवालों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा बूढ़े मां बाप के कमाने का एकमात्र सहारा था, वह खुद भी बेसहारा हो गया और यह परिवार आज पाई-पाई के लिए मोहताज है। आस-पड़ोस घर परिवार और रिश्तेदारों से कर्जा लेकर इन्होंने सुरेश के ईलाज कराने में अब तक लगभग 20-22 लाख रुपये खर्च कर दिये । परिवार के लोगों के पास कमाई का कोई जरिया नहीं इस बात से चिंतित होकर सुरेश के पिता बंसी लाल को भी दिल का दौरा आ गया और वह भी आज दवाइयों के सारे चल रहा है । परिवार पिछले 6 साल से परेशानीयां झेल रहा है एवं जीने की लालसा छोड़ चुका है। बस इस परिवार का एकमात्र सहारा सुरेश की धर्मपत्नी मनोहरी देवी जो यह कहकर उनका मनोबल बढ़ाती है की में जीऊंगी तो आपके साथ मरूंगी तो आपके साथ । सुरेश के एक बच्चा है आठ साल का व एक बहिन है जिसकी शादी हो चुकी है । परिवार का एकमात्र कमाऊ सुरेश खटिया पर जीवन जी रहा है जिसकी रविवार को आपणी मानवता सेवा संस्थान ने सोसल मिडिया पर लाईव मदद की मुहिम चला कर पीडि़त परिवार के खाते में एक दिन में लगभग चार लाख पचास हजार रुपये डाल । मददगार मदद करें तो एक परिवार में खुशियां फिर से लौट सकती है ।