बीडीके अस्पताल की टीम ने किया ईलाज
झुंझुनूं, चिड़ावा निवासी 10 वर्षीय योगेश मांजे से पतंग उडा रहा था और पास में से ही बिजली की हाईटेंशन लाईने गुजर रही थी। अचानक आये हवा के तेज झोंके से पतंग का मांझा हाईटेंशन लाईन में उलझ गया।और विधुत कंरट मांझे से होता हुआ,योगेश के शरीर में प्रवाह होने लगा। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र भाम्बू ने बताया कि योगेश के दोनों हाथों में ईन्ट्री पांईट बन गये।तथा बायां पैर ऐक्सिट पांईट बन गया। तथा हाईटेंशन लाइन के विधुत प्रवाह से त्वचा पूर्णतया जल गयी।तथा हृदय की धड़कन तेज हो गई। गनीमत यह रही कि विधुत प्रवाह के घर्षण से मांजा जल गया तथा योगेश बेहोश होकर गिर गया। परिजन सीएचसी चिड़ावा लेकर गये जहां से रैफर होकर, बीडीके अस्पताल में भर्ती किया गया एवं डॉ जितेंद्र भाम्बू, रतनलाल, संदीप,मंजूबाला ने उपचार आरंभ किया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र भाम्बू ने बताया मांझा भी विधुत के अल्प प्रवाह का माध्यम है तथा शरीर में काफ़ी नुक़सान पहुंचा सकता है। विधुत प्रवाह हृदय के पेसमेकर सिस्टम को गड़बड़ा देता है। जिससे ह्दय गति में वृद्धि एवं हृदयाघात हो सकता है। विधुत प्रवाह रक्त कणिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देता है। जिससे हृदय,किडनी पर गंभीर लोड पड़ता है। विधुत प्रवाह मांसपेशियों को क्षतिग्रस्त कर देता है। इससे मांसपेशियों के ईंन्जाईमस में वृद्धि हो जाती हैं।
- शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र भाम्बू के अनुसार पतंगबाजी में परिजन क्या ध्यान देवे?
1.हाईटेंशन लाइन के आसपास पतंगबाजी नहीं करें।
2.हाथों में दस्ताने जरूर पहनें।
3.पैरों में सुखी चप्पल अवश्य पहने।
- आवेशित मांझे की बजाय सूती धागे से पतंगबाजी करें।
- हाईटेंशन लाइन से मांझे के स्पर्श होने पर तुरंत मांझे से संपर्क हटाए।
- .विधुत करंट लगने पर क्या करें?
1.विधुत संमपर्क को विच्छेद करें।
2.हृदयगति/ सांस गति कम होने पर सीपीआर आरंभ करें।
3.भीड़/ डर का माहौल बनाना से बचें
- तुरंत अस्पताल में पहुंचे।