श्रद्धा की बहती बयार, भक्तो के हृदय मे एक ही भरोसा, एक ही आशा व दर्शन का विश्वास
सीकर, श्रद्धा की बहती बयार, रंग गुलाल उडाता भक्तों का रैला, आसमान से होती पुष्प वर्षा और हीरे-मोतियों से जड़ी रंग-बिरंगी पोशाक, सिर पर केसरिया पगड़ी पहनकर बाबा श्याम रथ पर सवार होकर जब खाटू की गलियों से गुजरे तो हर एक श्याम भक्त पलक पांवडे बिछाए हुए उनके स्वागत में तैयार खडे रहे। एकादशी को खाटू नगरी के भ्रमण के लिए श्याम मंदिर से सुबह सवा ग्यारह बजे रथ पर सवार बाबा श्याम की शोभायात्रा गाजे—बाजे के साथ निकाली गई। शोभायात्रा के आगे सैकडों श्याम भक्त रंग गुलाल उडाते नाचते हुए चल रहे थे। पूरा खाटूधाम बाबा श्याम के जयकारों से गुंजायमान हो रहा था। रथ यात्रा के दौरान श्याम भक्तों की भारी भीड उमड पड़ी। भीड़ इतनी थी कि खाटू की गलियां भी छोटी नजर आने लगी। इस दौरान भीड को नियंत्रित करने के लिए पुलिस व स्वयंसेवकों के पसीने छूट रहे थे। शोभायात्रा श्याम मंदिर से श्याम कुण्ड, अस्पताल चौराहा, होटल श्याम, पुराना बस स्टेण्ड होते हुए कबुतरिया चौक पहुंची।
मीरा की करुणा.. सूर का समर्पण…चैतन्य की तन्मयता.. तुलसी की भक्ति और द्रोपदी की पुकार.. क्या नहीं है इस दृश्य में.. घर व सारे वैभव भूलकर श्याम भक्त बरामदों व चौबारों में रात गुजार रहे हैं। पैदल, पेट पलायन, दंडवत तो कोई घुटनों के बल मीलों की यात्रा करके आया है। लेकिन, ना कोई पीड़ा है ना ही चेहरे पर कोई शिकन। भूख- प्यास की भी चिंता नहीं है। बस भावों से भरे ह्रदय में नाम एक है, लक्ष्य एक है, भरोसा एक है, आशा व उम्मीद एक है..बाबा श्याम। जिनकी एक झलक की ललक लिए सैंकड़ों श्रद्धालु पूरी रात यूं ही खुले आसमान में गुजार रहे हैं।
श्याम नाम का जप व स्मरण तो कोई भजन- कीर्तन से श्याम दर्शनों के बीच आई रात को भक्ति भाव से रोशन कर रहा है। तन थकान से चूर है, लेकिन मन में नई नई उमंग उठती है। ज्यों- ज्यों रात ढलती हैं, श्याम मिलन की आस में उत्साह त्यों- त्यों बढ़ता जाता है। बाबा के पट खुलने पर तो आस्था ह्रदय के रास्ते रोम- रोम तक पहुंचकर पूरे तन को रोमांच से भर देती है। भावों से मन इतना भाव विभोर हो जाता है कि कई प्रेमी भक्तों की आंखें ही निर्झर हो जाती है।
श्याम का दीदार, श्रद्धालु लाखों पार
खाटूश्यामजी मेले का मुख्य मेला एकादशी पर शुक्रवार को आयोजित हुआ। जिसमें बाबा श्याम के दर्शनों के लिए लाखों भक्त पहुंचे । श्याम सरकार के दर्शनों के लिए एकादशी रात तक हजारों श्रद्धालु पंजीयन करवा चुके थे। देर रात के पंजीयन व स्थानीय लोगों को शामिल करने पर श्रद्धालुओं की संख्या लाखों से ज्यादा रही।
नीले घोड़े पर सवार होकर आए बाबा श्याम
श्याम एकादशी पर श्याम बाबा की शोभायात्रा सफेद घोड़ों के रथ पर निकाली गई। जिसमें बाबा श्याम नीले घोड़े पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए। बाबा श्याम की शाही सवारी प्रातः 11 बजे मंदिर परिसर से रवाना होकर श्याम कुंड, शनि मंदिर, जांगिड़ मोहल्ला, अस्पताल चौराहा, पुराना बस स्टेंड होते हुए शोभायात्रा कबुतरियां चौक पर पहुंची।
भगवान को लगाया गया छप्पन भोग
एकादशी पर बाबा श्याम को छप्पन भोग लगाया गया। श्री श्याम मंदिर कमेटी के मंत्री प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि एकादशी के दिन बाबा श्याम के विशेष श्रृंगार के साथ 56 मिष्ठानों का भोग लगाया गया। 56 भोग तैयार करने के लिए कारीगर राजस्थान से बाहर से बुलाए गए है। कारीगर बाबा के छप्पन भोग के लिए पिछले तीन दिन से तैयारी में जुटे थे।
श्याम बाबा के मेले की व्यवस्थाओं का जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव, पुलिस अधीक्षक करण शर्मा, उपखण्ड अधिकारी, मेला मजिस्ट्रेट प्रतिभा वर्मा, तहसीलदार विपुल चौधरी सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने कमान संभाली।