ठाकुर जी की पालकी के साथ संतों की टोली खाकी अखाड़ा से नीम की घाटी होते हुए खोरी कुंड पहुंची
किरोड़ी से खाकी अखाड़ा तक श्रद्धालुओं के जत्थों की उमड़ी भीड़
उदयपुरवाटी, मालकेतु बाबा की 24 कोसी परिक्रमा एकादशी से परवान पर चढ़ने लगी थी। सोमवार द्वादशी को अमावस्या का एक दिन शेष होने पर श्रद्धालुओं की संख्या परवान चढ़ने लगी है। परिक्रमार्थी अपने खाने-पीने के समान को अपने थैले में समेटकर सिर पर रखकर लाठियां के सहारे दुर्गम पहाड़ियों में चल रहे हैं। साथ ही भजन कीर्तन करते हुए नाचते गाते आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि परिक्रमा में अभी 2 दिन शेष हैं क्योंकि 14 व 15 सितंबर को लोहार्गल में मिनी हरिद्वार के नाम से प्रसिद्ध लक्खी मेला भरेगा। परिक्रमा में राजस्थान सहित आसपास के अन्य राज्यों से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सोमवार को मौसम अच्छा होने के कारण श्रद्धालुओं का जोश चरम पर रहा। परिक्रमा की खास बात यह है कि इस बार हर उम्र के श्रद्धालु नजर आ रहे थे। साथ ही कई बुजुर्ग परिक्रमा मार्ग में मिले उन्होंने बताया कि अब तक 20 से 30 परिक्रमा मालकेतु बाबा की कर चुके हैं। 75 किलोमीटर की इस परिक्रमा के रास्ते में जगह-जगह जलपान, भोजन एवं चिकित्सा शिविर भी लगे हुए हैं। हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु परिक्रमा में शामिल हो रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ठाकुर जी की पालकी खाकी अखाड़ा से नीम की घाटी होते हुए सोमवार को शाम रामपुरा के खोरी कुंड पहुंची। ठाकुर जी की पालकी 24 कोसी परिक्रमा का हर वर्ष नेतृत्व करती है। जो पालकी गोगा नवमी को लोहार्गल से शुरू होकर चिराना, किरोड़ी धाम, सरजू सागर कोट बांध, शक्तिपीठ मां शाकंभरी, सकराय, नाग कुंड, भगोवा, कालाखेत, टपकेश्वर महादेव मंदिर, शोभावती नदी से होते हुए खाकी अखाड़ा खाकी अखाड़ा से नीम की घाटी चढ़ते हुए सोमवार की खोरी कुंड पहुंची।