भाजपा में है मौन मूक बगावत का डर तो कॉंग्रेसी प्रत्याशी को नजदीकियों की नाराजगी पड़ सकती है महंगी
झुंझुनू, झुंझुनू जिले का मंडावा सात समुंदर पार के सैलानियों के बीच से लेकर फिल्मी शख्सियतों के बीच भी मशहूर है लेकिन इन दिनों राजनीतिक हलकों में भी मंडावा विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में छाया हुआ है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने यहां से सांसद नरेंद्र कुमार को फिर से विधायक का टिकट थमा दिया है वहीं उनका सामना कांग्रेस के दिग्गज परिवार की बेटी रीटा चौधरी से होगा जो जोकि कांग्रेस की विधायक भी हैं। मंडावा की जनता के मूड को खोजना आसान ही नहीं है लेकिन आज हम सिर्फ राजनीतिक विश्लेषकों के दृष्टिकोण की बात करेंगे। सांसद नरेंद्र कुमार को मंडावा से विधानसभा प्रत्याशी भाजपा द्वारा बनाए जाने के साथ ही यहां से टिकट की आशा रखने वाले अन्य अभ्यर्थियों में भी नाराजगी देखने को मिली थी, जिसके चलते कुछ ने तो झुंझुनू जिला मुख्यालय पर आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस तक कर डाली थी और दो दिन में ही पत्रकारों से दोबारा मुखातिब होकर अपना फैसला सुनाने की बात कही थी लेकिन उसके बाद से ना तो खुलेआम बगावत के कोई सुर सुनाई दिए और ना ही दोबारा से प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। लिहाजा ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं की मंडावा भाजपा की बगावत को मैनेज करने का काम कर दिया गया है या फिर जो बगावत का बिगुल बजाने वाले थे उन्होंने अपनी किसी दबाव के चलते रणनीति को चेंज कर दी है।
जिसके चलते यह बात कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भारतीय जनता पार्टी में मौन मूक बगावत भी वोटिंग मशीन में कैद हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ बात कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी की करें तो राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना है कि नजदीकियों की नाराजगी भी इनको झेलनी पड़ सकती है। इस कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने काम तो खूब करवाए हैं लेकिन किसी न किसी कारण जो लंबे समय तक विधायक परिवार के नजदीकी लोग रहे थे किसी ना किसी बातों को लेकर नाराजगी की बातें भी सुनने को मिल रही है। ऐसी स्थिति में सवाल खड़ा होता है कि मंडावा में मौन मूक बगावत काम करके भाजपा को परेशानी में डालेगी या फिर कांग्रेस की तरफ से नजदीकियों की नाराजगी ही नुकसान देह साबित होगी यह तो देखने वाली बात है। लेकिन इस बार का विधानसभा चुनाव अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चुनाव में सांसद की प्रतिष्ठा तो दांव पर लगी हुई है ही वही यही जीत भी इनके परिवार का राजनितिक भविष्य भी तय करेगी।
शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू