झुंझुनूं, पुराना बस स्टैंड मित्तल कॉलोनी स्थित जालान निवास के सामने नोहरे में श्रीमती गायत्री देवी जालान फर्म छोटेलाल श्यामसुंदर जालान कपड़ा बाजार की ओर से प्रभात फेरी परिवार झुंझुनू के संयोजन में भव्य श्री राम कथा में चौथे रोज बुधवार को भव्य श्री राम कथा में राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। व्यास पीठ से हरि शरण जी महाराज ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से माता सीता व भगवान श्री राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। पंडाल में उपस्थित श्रोता भक्तों ने हर्ष एवं उत्साह के साथ खुशियां मनाते हुए मंगल गीत गाये। इस अवसर पर आयोजक परिवार की ओर से राम सीता विवाह की जीवंत झांकी भी सजाई गई जो की प्रमुख आकर्षण का केंद्र रही।
जानकारी देते हुए आयोजक परिवार के सुभाष चन्द्र जालान ने बताया कि व्यास पीठ से श्री हरिशरण जी महाराज द्वारा 27 नवंबर तक मध्यान 1 बजे से सांय 5 बजे तक संगीतमय श्री राम कथा का संगीतमय वाचन किया जाएगा। इस अवसर पर आयोजक सुभाष चन्द्र जालान, गोपाल जालान, राम रतन जालान, नारायण जालान, प्रमोद जालान, परमेश्वर जालान, अरुण जालान, मुकेश जालान, शिवकुमार जालान, दिनेश जालान, विनोद जालान, प्रदीप जालान, नन्दकिशोर जालान, रूपेश तुलस्यान, बंटी पंसारी, दिनेश ढंढारिया, डॉक्टर डीएन तुलस्यान श्रीकांत पंसारी, निर्मल मोदी, विमल टमकोरिया, कुंदन सिंगडोदिया, चंद्रभान शर्मा खाजपुरिया, बालकिशन भुकानिया, सुरेंद्र सुरेका, रोहित गुप्ता, ललित अग्रवाल, रतन जोहरीवाल, कि्श अग्रवाल, गजेंद्र जोहरीवाल, विजय कुमार तुलस्यान, बिहारी लाल केडिया भाटीवाड, अशोक गोटेवाला, परमेश्वर हलवाई, कैलाश चंद्र सिंघानिया, शिव खेतान, गोविन्द छापड़िया, अनिल पंसारी, डुंगरमल भुकानिया, रधुनाथ़ पोद्दार, सम्पत पुरोहित एवं श्रवण केजडीवाल सहित अन्य भक्तजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।