शिमला [अनिल शर्मा ] एक तरफ राज्य सरकार गौरव यात्रा निकाल कर अपनी गौरव गाथा का गान कर रही है। वहीं दूसरी तरफ शिमला मे अनेक दिव्यांग, बुजुर्ग व बेवा पेन्शन की खातिर दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहें हैं। डाकघर मे अप्रेल माह के बाद उनकी पेन्शन नही आई है। जानकारी के अनुसार डाकघर मे जिन पेन्शनधारियों के डाकधर मे खाते हें उनकी अप्रेल माह से पेन्शन नही आई है। वो कभी डाकघर तो कभी पंचायत समिति तो कभी उपकोष कार्यालय खेतडी के चककर काट काट कर परेशान हो चुके हें। अपना जीवन पेन्शन से यापन करने वाले होशियार जो दोनो आंखों से अन्धा है पिछले पांच माह से पेन्शन न मिलने के कारण दाने दाने को मोहताज हो रहा है। वह कभी उपकोष कार्यालय खेतडी तो कभी डाकघर के चक्कर काट काट कर परेशान हो चुका है। वह रोज पेन्शन का इन्तजार करता है तथा दुकानदार भी लम्बी उधार होने के कारण सामान देने मे आनाकानी करने लग गये हें। होशियार को कुछ भी दिखाई नही देता हे जिसके कारण वो केवल पेन्शन पर ही पूर्णतया निर्भर है। दिव्यांग हर जगह घूम कर हार चुका हे लेकिन उसकी किसी ने भी फरियाद नही सुनी। जहां भी जाता है एक ही रटा रटाया जबाब मिलता है कि बाबा जाओ पेन्शन आ जायेगी। लेकिन वो पेन्शन कब आयेगी इसी का दिव्यांग होशियार को पिछले पांच माह से इन्तजार है। यहीं हाल बेवा शान्ति देवी का भी है उसे भी पांच माह से पेन्शन नही मिली है। शान्ति देवी का पीपीओ नम्बर के 2837/1 जीएनओएपी है। वो रोज बैंक के चक्कर काटती है। खेतडी भी उपकोष कार्यालय के चक्कर काट चुकी हे लेकिन सुनने वाला कोई नही है। बेवा शान्ति देवी 72 साल की हो चुकी है। अब उसका शरीर भी जबाब दे चुका है। वो कोई दूसरा काम भी नही कर सकती इस कारण पूर्ण रूप से पेन्शन पर ही निर्भर है। पेन्शन नही मिलने से बेवा शान्ति देवी पाई पाई के लिए मोहताज हो रही है। इसी प्रकार हरीराम यादव, सन्तरा देवी, तारली देवी, लजवन्ती सहित अनेक लोग पांच माह से पेन्शन का इन्तजार कर रहे हैं।
कार्यवाहक विकास अधिकारी खेतडी महेन्द्र सिहं मेघवाल का कहना है कि मेरे को इस सम्बंध मे आपसे ही जानकारी मिली है। में इसकी जांच करवा रहा हूं। और शीघ्र ही पेन्शन शुरू करवा दी जायेगी।