आगामी विधानसभा चुनाव में पानी का मुद्दा आग लगाएगा यह कहना है यमुना जल संघर्ष समिति के संयोजक व कोर्ट में याचिका कर्ता यशवर्धन सिंह शेखावत का, एक भेटवार्ता में शेखावत ने यह बात कही। नहर के मामले पर विस्तार से बातचीत करते हुए उन्होंने सांसद संतोष अहलावत पर यह आरोप भी लगाया कि उन्हें नहर के मामले पर आधी अधूरी जानकारी है, सांसद खुद भ्रमित है ही और जनता को भी कर रही है भ्रमित। भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों पर प्रहार करते हुए कहा कि दोनों बड़े राजनीतिक दल नहर के मुद्दे पर बात करने की स्थिति में नहीं है। नहर का मामला राजनीतिक शिथिलता के कारण 24 वर्षों से लटका हुआ है। सत्ता पक्ष के लोग जनता व कोर्ट में अलग-अलग बयान देते हैं, राजस्थान उच्च न्यायालय में सरकार ने बताया कि हरियाणा से एमओयू साइन नहीं हुआ है जबकि जनता में कह रहे हैं एमओयू हो गया है। गांव-गांव ढाणीयो में इस मुद्दे को जनता में लेकर जाएंगे तथा उनको जागृत करेंगे कि या तो हरियाणा से एमओयू पर साइन करवाए जाए या राजनेताओं को गांव में घुसने नहीं दिया जाए। वर्तमान में हरियाणा राजस्थान व केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार है इसके बावजूद भी लटका हुआ है मुद्दा नहर का।