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बाला साहब ने बाढ़ पीड़ितों को सौंपा था केशवपुरा गांव

बाला साहब पुण्य स्मृति दिवस

जयपुर (वर्षा सैनी) ग्रामे ग्रामे सभा कार्या, ग्रामे ग्रामे कथा शुभा, पाठशाला मल्लशाला, प्रतिवर्ष महोत्सव, उक्त पंक्तियों का तात्पर्य ग्राम में ग्राम सभा एवं कथा के आयोजन और ग्राम में पाठशाला एवं व्यायामशाला के संचालन के साथ हर वर्ष ग्रामोत्सव के आयोजन से है। राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब चालीस किलोमीटर दूर स्थित इसी प्रकार के एक गांव का लोकार्पण कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक बाला साहब देवरस के कर कमलों द्वारा चैत्र शुक्ला नवमी शुक्रवार विक्रम संवत 2039 तदानुसार दिनांक 2 अप्रेल 1982 को सम्पन्न हुआ था। उल्लेखनीय है कि आज बाला साहब देवरस का पुण्य स्मृति दिवस है। तब बाढ पीडितों को राहत देने के उद्धेश्य से तैयार इस गांव में इन दिनों निरंतर प्रगति एवं ग्राम विकास के कार्य चल रहे हैं उनकी छोटी सी झलक बताते हुए ग्राम विकास समिति केशवपुरा के सदस्य सुरेश कुमार का कहना है कि आज से लगभग चार दशक पूर्व संघ की प्रेरणा से निर्मित इस केशवपुरा ग्राम में संघ योजना से पिछले दो वर्षों से निरंतर कुछ न कुछ सेवा कार्य चलाये जा रहे हैं। ग्राम विकास समिति केशवपुरा द्वारा चलाये जा रहे इन सेवा कार्यों से आस-पास के ग्राम प्रेरणा ले अपने ग्राम में भी ग्राम विकास के कार्य संचालित कर रहे हैं। मासिक श्रमदान से परिवर्तित चित्र ग्रामीणों के सामूहिक सहभागिता से केशवपुरा ग्राम श्रेष्ठ ग्राम बने, केशवपुरावासियों का ऐसा चिंतन है। दो वर्ष पूर्व इक्कीस सदस्यीय ग्राम विकास समिति की ओर से सामूहिक श्रमदान किया जा रहा है। प्रारंभ में मासिक श्रमानुभव किया जाता था जबकि पिछले छह माह से प्रत्येक सप्ताह ग्रामीणों की ओर से श्रम किया जाता है। केषवपुरा आदर्ष ग्राम अब स्वच्छता की ओर बढने लगा है। गांव की गलियां साफ सुथरी दिखती हैं। सामूहिक श्रमदान से गांव का वातावरण अब बदला बदला सा नजर आता है। ग्रामीणों की ओर से प्रथम चरण में सार्वजनिक चौक को बगीचे के रूप में विकसित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने अपने खर्चे से लोहे की जाली क्रय कर चौक की तारबंदी की है। चौक में 101 पौधें लगाए है। अब सुंदर नजर आने लगा है। श्रमसाधना के दौरान गांव के पेड़ों पर पक्षियों के लिए परिंडे भी बांधे गए है। पौधों का सौन्दर्यकरण भी प्रमुख कार्य ग्रामीणों की ओर से किया गया है। 
अन्न व जल सहयोग 
ग्राम विकास समिति केशवपुरा आदर्श ग्राम कोरोना के दौरान अभावग्रस्तों के लिए आगे आई। समिति की ओर से ग्राम के प्रत्येक परिवार से पांच पांच किलो अन्न एकत्रित किये। समिति द्वारा कुल 250कि.ग्रा.अन्न एकत्रित कर अभावग्रस्त को वितरित किया गया। ऐसे ही ग्राम में पक्षियों के लिए परिण्डे बांधे गए है साथ ही पक्षी घर भी लगाये गए है। 
सामूदायिक भवन का निर्माण
ग्राम में समय समय पर ग्राम सभा का आयेाजन होता है। ग्राम से संबंधित निर्णय सामूहिक किये जाते हैं। समिति सदस्यों की सतत प्रयास के चलते गांव में एक नये सामूदायिक भवन का निर्माण चल रहा है। भवन तैयार होने के बाद इस भवन में ग्राम सभा आयोजन के साथ सार्वजनिक पुस्तकालय संचालित किया जाएगा। 
योग स्थल एवं भ्रमण मार्ग तैयार 
ग्रामवासियों ने ग्राम के बीच सार्वजनिक चौक में सुरक्षा के लिए लगाई लोहे की जाली व पिछले वर्ष रोपे गए 101 पोधों के बीच ‘कच्चा परिक्रमा मार्ग’ तैयार किया है जिस पर प्रातः व सायं स्वास्थ्य के प्रति सजग ग्रामीण जन भ्रमण करते हैं। सार्वजनिक चौगान में योग स्थल भी तैयार किया है जिस पर प्रतिदिन सुबहयुवा व बुजुर्ग योग का अभ्यास करते है। योग के प्रति पूरे ग्राम को जागरूक करने के लिए समिति 17 जून  से पांच दिवसीय ‘योग अभ्यास एवं प्रशिक्षण शिविर’ आयोजित कर रही है। पूज्य बाला साहब देवरस की स्मृत्ति तिथि से प्रारंभ होने वाले इस योग शिविर का समापन 21 जून 2020 अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को होगा। 
पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन
पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन की दिशा में केशवपुरा ग्राम ने सकारात्मक प्रयास किए है। इस दिशा में यह गांव आस-पास और पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे गांवों व संस्थाओं के लिए उदाहरण है। के२ावपुरा ग्राम के निर्माण के समय यहां पर केवल एक शमी-वृक्ष (खेजडी) हुआ करता था जो आज हरियाली है। केषवपुरावासी द्वारा 23 जुलाई 2019 को परिवार सहित पौधारोपरण किया गया। अपना संस्थान एवं ग्राम विकास समिति केशवपुरा आदर्श ग्राम के संयुक्त तत्वावधन में आयोजित इस पौधारोपरण कार्यक्रम के तहत 82 परिवारों ने 101 पौधें लगाए। गांव वालों की ओर से पौधों की नियमित संभाल की जाती है। उनकी ओर से समय निकाल कर पौधो को पानी दिया जाता है। समिति इस जुलाई में पिछले साल रौपे इन पौधों का जन्मदिवस भी मनाने जा रही है। 
यहां पेड पौधें परिवार के अंग है। जैसे परिजनों की चिंता होती है, वैसी ही चिंता ग्रामीण पेड. पौधों की करते है। रक्षाबंधन पर गांववाले विषेषकर बहिनों की ओर से भाई समान पेड पौधों के रक्षा सूत्र बांधा जाता है। इस दिन केशवपुरावासी पौधों को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण संवर्धन का संकल्प लेते है। 
सामूहिक भोज में पत्तों से बने पत्तल-दोने पर भोजन
ग्रामीणों ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिषा में मजबूत पहल की है। ग्रामीणों ने जून 2019 में गांव में होने वाले सामूहिक भोज कार्यक्रम में प्लास्टिक से बने ग्लास, चम्मच इत्यादि सामानों का उपयोग नहीं करने का सहमति से निर्णय किया। आज गांव में ऐसे अवसरों पर न प्लास्टिक की चम्मच काम में ली जाती है और न ग्लास। पेड़ों के पत्तों से बने पत्तल व दोनों पर गांव वाले सहभोज का आनन्द लेते है। प्रभाव यह है कि आस-पास के गांवों में भी ऐसी चर्चा होने लगी है।  
सामाजिक समरसता गोवर्धन पूजन 
संघ के स्वयंसेवकों के प्रयास से पूरा गांव आज भी सामूहिक गोवर्धन पूजन करता है। गांव के युवाओं की ओर से मिलकर गाय के गोबर से बडे आकार का गोवर्धन बनाया जाता है। बैलों की जोडी के साथ गांव में गोवर्धन पूजा होती है। इस अवसर पर महिलाएं और पुरूष सामूहिक रूप से एकत्रित होकर गोवर्धन जी के परिक्रमा करती है और मंगल गीत गाती है।
गांव का एक कुआं-एक देवालय 
केषवपुरा में सामाजिक समरसता का वातावरण देखते ही बनता है। भेदभाव को यहां स्थान नहीं है। सब समाज बंधु वर्षों तक एक कुएं से पानी भरते आए है। अब कुआं सूखने के कारण सार्वजनिक स्थानों पर पानी के लिए हैण्डपम्प व बीसलपुर से आ रहे पानी के पाॅइंटों से सब लोग पानी भरते हैं। गांव में प्राचीन शिव एवं हनुमान मंदिर है जिसमें सब समाज बंधु आते है। समय समय पर देवालय में सामूहिक सत्संग का आयोजन किया जाता है जिसमें सब समाज बंधुओं की सहभागिता रहती है। तेजाजी का मंदिर भी आस्था का केन्द्र है। सब आकर दर्शन करते है। वर्ष भर में एक बार मेले का आयोजन होता है जिसमें घर घर से पकवान बनाकर यहां भोग लगाया जाता है। आस-पास केे लोग भी आया करते हैं। गांव में बने शीतलामाता मंदिर एवं रामदेवाजी का मंदिर भी सभी की श्रद्धा का केन्द्र है। स्थानीय समिति की ओर से वर्ष में सुरसुरा तेजाजी महाराज की पदयात्रा निकाली जाती है जिसमें ग्रामवासी समान भाव से हिस्सा लेते हैं। 
गांव में एक कुआ एक देवालय की बात सहज में स्थापित है। सामूहिक सहभागिता का वातावरण गांव में है।
मातृशक्ति का आत्मनिर्भरता की तरफ बढा कदम
केशवपुरा ग्राम की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढाया है। गांव की आठ प्रशिक्षित महिलाओं के साथ 6 अक्टूबर 2019 को दुर्गाष्टमी पर गांव में नए वस्त्रों की सिलाई का कार्य प्रारंभ कर किया गया। आस-पास के कस्बे के कपड़ा व्यापारी तकीये की खोली इत्यादि वस्त्र गांव की मातृशक्ति से सिलवाने लगे है। सिलाई का काम धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। ग्रामवासियों ने दो तीन माह बाद इस कार्य और अधिक बढाने की योजना बनाई है।  
इतिहास
गांव एक नजर में
जुलाई सन् 1981 में जयपुर व आस पास बाढ़ आई जिसमें चाकसू के निकट छांदेल खुर्द व गणेशपुरा गांव पूरी तरह से पानी के साथ बह गया। जैसे तैसे गर्दन तक पानी से भरे कच्चे रास्तों को पार करते हुए छांदेल खुर्द एवं गणेशपुरावासियों ने एक किमी दूर उंचाई पर बने रेत के टीलों की शरण ली। जान बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे इन बाढ पीडितों की तीन दिन तक किसी ने सुध नहीं ली। तीन दिन बाद पानी का वेग कुछ कम होने पर सर्वे पर निकले जयपुर शहर के संघ के स्वयंसेवकों की पहुंच इन बाढ़.पीडितों तक हुई। स्वयंसेवकों ने लौटकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी जानकारी दी तो जयपुर महानगर के स्वयंसेवक गांव की तरफ आवष्यक सहायता सामग्री लेकर दौड़ पडे। तीन दिन से भूखे प्यासे इन बाढ पीडितों को भोजन पानी मिल सका। बाढपीडितों के लिए देवदूत बनकर आए संघ के स्वयंसेवक। खाने पीने की समस्या का तो हल हो गया लेकिन आवास खो चुके लोगों को छत मिले यह प्रमुख मुद्दा था। विचार मंथन हुआ। बाढ. पीडितों की सहायतार्थ राजस्थान बाढ पीडित सहायता एवं पुनर्वास समिति जयपुर का गठन किया गया। समिति ने छांदेल खुर्द व आस-पास गांवों के बाढ पीडित लोगों के लिए पुनः गांव बसाने का निर्णय किया और गांव का नाम संघ के संस्थापक केशवराव बलिराम हेडगेवार के नाम पर ‘‘केशवपुरा आदर्ष ग्राम‘ रखना तय हुआ। धनसंग्रह की योजना बनाई गई और जयपुर के स्वयंसेवकों न घर-घर जाकर करीब ग्यारह लाख रूपये एकत्रित किए। विचार की परिणिती कार्तिक शुक्ला नवमी संवत 2038 वि.शुक्रवार तदनुसार दिनांक 6 नवम्बर 1981 को गांव की नींव लगाई गई। पांच माह की परिश्रम के से ग्राम का निर्माण हुआ। चैत्र शुक्ला नवमी शुक्रवार विक्रम संवत 2039 तदानुसार दिनांक 2 अप्रेल 1982 बाला साहब देवरस ने गांव के लोकार्पण कार्यक्रम में बाढ पीडितों को भूखण्डों के पट्टे, नवनिर्मित मकानों की चाबी, रामदरबार की तस्वीर, पांच वर्तन एवं एक बोरी अनाज की सौंपी। 5 अक्टूबर 2018 को राजस्थान शासन ने राजस्व रिकोर्ड में केशवपुरा आदर्श ग्राम का नाम जोड़ने का आदेश जारी किया। 

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