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धातु निर्मित मांझा की थोक, खुदरा बिक्री व उपयोग पर प्रतिबन्ध

आमजन के लिए प्रात: 6 बजे से 8 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे तक पंतग उडाने पर रहेगा प्रतिबंध

सीकर, जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सौरभ स्वामी ने आदेश जारी कर सीकर क्षेत्र में मकर संक्रान्ति पर्व पर पतंगबाजी के लिए धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा प्रयुक्त किया जाने लगा है। यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण के प्रयोग से तैयार किया जाता है। यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से तैयार होने से अत्यधिक धारदार तथा विद्युत का सुचालक होता है। जिसके उपयोग के दौरान दौपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्यधिक जान-माल का नुकसान होना संभाव्य है, साथ ही विद्युत का सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के सम्पर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुंचना एवं विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होना भी संभाव्य है।

इस समस्या व खतरें के निवारण के लिए आवश्यक है कि धातु निर्मित मांझा के उपयोग एवं विक्रय का निषेध किया गया है। इसलिए लोक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं पशु-पक्षियों के जान के खतरे तथा विद्युत प्रसारण को बाधा रहित बनाये रखने के लिए धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधारहित बनाएं रखने के लिए एवं पक्षियों के लिये बडे पैमाने पर खतरा बन चुके, घातु निर्मित मांझा की थोक एवं खुदरा बिक्री तथा उपयोग राजस्व जिला सीकर के क्षेत्राधिकारिता में निषेध, प्रतिबंधित किया जाता है। कोई भी व्यक्ति यदि इस प्रकार के मांझों का भण्डारण, विक्रय, उपयोग या परिवहन करेगा तो उसके विरूद्ध उचित सम्यक कानून के तहत कार्यवाही की जावेगी। उन्होंने आमजन को यह भी निषेध किया है कि पक्षियों के नुकसान से बचाने के लिए प्रात: 6 बजे से 8 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे तक पंतग उडाने पर प्रतिबंध रहेगा। आदेश की अवहेलना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगी। यह आदेश 31 जनवरी 2024 तक प्रभावशील रहेगा।

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