डेंगू, मलेरिया, स्वाईन फ्लू, जीका वायरस, जैसी फैल रही बीमारियों से घबराएं नहीं बल्कि तुरन्त प्रभाव से अपने नजदीकी आर्युवेदिक डाक्टर से उपचार प्रारम्भ करें जिससे तुरन्त व स्थाई लाभ मिलेगा। डेंगू, मलेरिया, जीका वायरस, जैसी बीमारी मच्छरों के काटने से फैलने वाली बुखार है जिसका आर्युवेद चिकित्सा पद्धति से निश्चित लाभ मिलने वाला उपचार है । सहायक निदेशक आर्युवेद कैलाश शर्मा ने बताया कि इस बुखार में सामान्य तौर से आराम करना चाहिए और तरल पर्दाथों का सेवन करना चाहिए । बतौर चिकित्सा विषमज्वरांतक पुटपक्व लौह, गुड़ुची सत्व, सर्वज्वरहर लौह, गोदन्ती भस्म, प्रवाल पिष्टी, शिरःशूलादिवज्र रस,पुर्ननवा मंडूर,अविपत्तिकर चूर्ण का मिश्रण शहद के साथ दिन में तीन बार लेना चाहिए। फिफाट्रोल टेबलेट,व महासुर्दशन घनवटी, दिन में तीन बार, प्लेटप कैपसूल, और गिलोय तुलसी पपीता पत्र का स्वरस अनार के जूस के साथ दिन में तीन चार बार लेना चाहिए, बकरी के दूध का सेवन भी लाभदायक है।