झुंझुनूताजा खबर

धारा 370 पर झुंझुनू के विशिष्ट जनों की राय देखिये वीडियो

डॉ मोनिका ढुकिया, समाजसेवी शिवकरण जानू, शिक्षाविद शुभकरण लाम्बा, डॉ अनिल खीचड़, और सभापति सुदेश अहलावत से खास बातचीत के अंश

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने धारा 370 और 35ए हटाने का जो बड़ा निर्णय लिया है उसको लेकर देश वासियों में देशभक्ति का एक ज्वार सा देखा जा रहा है। वही वीर प्रसूता भूमि शेखावाटी क्षेत्र ने अनेक योद्धाओं को मातृभूमि के बलिदान के लिए समय-समय पर न्योछावर किया है। ऐसी स्थिति में राष्ट्रहित के फैसले पर लोगों की राय पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिखाई पड़ रही है। इस संबंध में हमने जिले के कुछ गणमान्य लोगों से बातचीत की। जिनमें डॉ मोनिका ढुकिया का कहना है कि यह फैसला राष्ट्र हित में रहेगा तथा इससे आतंकवाद का सफाया होगा। राष्ट्र की एकता अखंडता के दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे जिससे भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा दिखाई देगा। वहीं जम्मू कश्मीर की महिलाओं के लिए भी यह संपत्ति के अधिकार में कारगर साबित होगा। वहीं समाजसेवी एवं प्रसिद्ध व्यवसायी शिवकरण जानू ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा कि अभी तक धारा 370 के चलते हमारे लाडले फौजी शहीद हो रहे थे पत्थरबाज उन पर हावी हो रहे थे तथा धारा 370 से पाकिस्तान को फायदा मिल रहा था इससे सिर्फ वहां के दो परिवारों को ही लाभ मिल रहा था यह सारी की सारी चीजें अब समाप्त हो जायेगी। वही शिक्षाविद शुभकरण लांबा ने बताया कि इस धारा 370 के कारण भारत के सैनिक सिर्फ वहां पर सिर कटवा रहे थे जिसका कोई अर्थ नहीं था। धारा 370 अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत जोड़ा गया था जो शक्तियां भारत को पीछे ले जाना चाहती थी उन शक्तियों द्वारा यह प्रारूप तैयार किया गया था। धारा 370 हटने पर विश्व शांति का मार्ग भी प्रशस्त हो सकेगा इस धारा 370 के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला तथा हजारों नागरिक और भारत के फौजियों को अपना बलिदान देना पड़ा। वही झुंझुनू शहर में युवाओं की आवाज बन चुके डॉक्टर अनिल खीचड़ का इस बारे में कहना है कि धारा 370 और 35 ए का हटना देश के भविष्य के लिए सुनहरा पल हैं एक भारत अखंड भारत का सपना साकार होता दिखाई पड़ रहा है। झुंझुनू शहर के नगर परिषद के सभापति सुरेश अहलावत का कहना है कि 72 साल बाद धारा 370 हटाने का एक बड़ा फैसला लिया गया है यह भारत के प्रधानमंत्री की एक दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाता है। हिंदुस्तान के नागरिकों में इस फैसले को लेकर बड़ा ही उत्साह है कहीं कोई विरोध वाली बात इसमें दिखाई नहीं पड़ती है।

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