
चूरू, जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने जिले के समस्त राजकीय कार्यालयों में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिले के समस्त कार्यालयाध्यक्षों को उनके कार्यालय, अधीनस्थ कार्यालयों, संस्था, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, संस्थानों, निकायों, राजकीय संगठनों इत्यादि के जिला, ब्लॉक व ग्राम स्तर के कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन करने के निर्देश दिए है। निर्देशानुसार जिन कार्यालयों में 10 या 10 से अधिक कार्मिक पदस्थापित हैं, उनमें आंतरिक शिकायत समितियों का गठन कर रिपोर्ट चाही गई है। इसी के साथ जिन कार्यालयों में समिति का गठन नहीं किया गया है, उन कार्यालयों में 05 दिवस में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है।
महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक जयप्रकाश ने बताया कि अधिनियम की धारा 26 (1) (ए) के अनुसार इस प्रावधान के उल्लंघन पर अधिकतम पचास हजार रुपए की शास्ति का प्रावधान है। संबंधित प्रपत्र एवं नियम/अधिनियम हेतु विभाग की बेबसाइट www.wcd.gov.in , www.wcd.rajasthan.gov.in एवं www.shebox.wcd.gov.in पर विजिट किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि यदि संस्थान, कार्यालय मकी आंतरिक शिकायत समिति 03 वर्ष या इससे अधिक पुरानी है तो अधिनियम के अनुसार समिति का पुनर्गठन किया जाए। आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष / सदस्य में किसी अधिकारी, कर्मचारी का स्थानांतरण हो जाने पर उसके स्थान पर नवीन का मनोनयन किया जाए। आंतरित समिति का गठन करके निर्धारित प्रपत्र में सूचना भरकर भिजवाना आवश्यक है। सूचनाएं विभाग के ईमेल churu.we@rajasthan.gov.in पर भिजवाई जाए। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी हेतु शी-बॉक्स प्रभारी अंजना गुप्ता मोबाइल नंबर 9928665213 व ज्ञानप्रकाश गोदारा मोबाइल नंबर 9414823082 से संपर्क किया जा सकता है।
नोडल अधिकारी नियुक्त
कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की अनुपालना में कामकाजी महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों हेतु सभी ब्लॉक व तहसील स्तर पर तहसीलदार तथा शहरी क्षेत्र हेतु संबंधित नगरनिगम, नगरपरिषद, नगरपालिका के आयुक्त व अधिशाषी अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। संबंधित उपखंड अधिकारियों को संबंधित उपखंड क्षेत्रा के कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति के गठन सुनिश्चित करने व मॉनीटरिंग कर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह रहेगा आंतरिक शिकायत समिति गठन का प्रारूप
महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक जयप्रकाश ने बताया कि महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की धारा 4 (1) के अनुसार प्रत्येक नियोक्ता को अपने कार्यास्थल के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना आवश्यक है। विभिन्न पेशेवरों/ व्यावसायियों ( चिकित्सकों, अधिवक्ताओं, वास्तुकारों, चार्टट अकाउंटेंट, इंजीनियर्स, बैंकर्स एवं अन्य) के राज्य व सर्वोच्च स्तर के वैधानिक निकायों, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, प्रशिक्षण केन्द्रों, शिक्षण संस्थानों, क्रीड़ा संकुलों, खेल स्थलों, स्टेडियम तथा सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों/ नर्सिंग होमों द्वारा भी आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना है।
उन्होंने बताया कि समिति में अध्यक्ष के लिए ऐसी महिला का नामांकन किया जाए, जो उस कार्यस्थल के सभी कार्यरत कर्मचारियों में से वरिष्ठ स्तर पर कार्यरत हो। यदि ऐसी वरिष्ठ स्तरीय महिला कर्मचारी उपलब्ध नहीं है तो संबंधित संस्था के अन्य कार्यालय अथवा प्रशासनिक इकाईयों में कार्यरत महिला कर्मचारी को नामांकित किया जाएगा। यदि उस कार्यस्थल के अन्य कार्यालयों अथवा प्रशासनिक इकाईयों में भी ऐसी वरिष्ठ स्तरीय महिला कर्मचारी उपलब्ध नहीं है तो उस नियोक्ता के अन्य कार्यस्थलों अथवा विभाग अथवा संगठन में कार्यरत महिला कर्मचारी को नामांकित किया जाएगा। कार्यालयाध्यक्ष, प्रधानाचार्य या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अध्यक्ष नहीं होगा। समिति में कम से कम दो सदस्यों को उस कार्यस्थल के सभी कार्यरत कर्मचारियों में से नामांकित किया जाएगा जो महिलाओं से सम्बन्धित विषयों के प्रति कार्य करने में पर्याप्त अनुभवी एवं समर्पित हों तथा जिनको सामाजिक कार्य अथवा कानूनी जानकारी हो। इसी के साथ एक सदस्य ऐसी स्वयंसेवी संगठनों में से नामित किया जाएगा ,जो महिलाओं के विषयों के प्रति समर्पित हो एवं ऐसा व्यक्ति यौन शोषण के मुद्दे में पर्याप्त जानकारी रखता हो। नामित सदस्यों में से कम से कम 50 प्रतिशत सदस्य महिलाएं होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि अध्यक्ष एवं सदस्यों के कार्यकाल का निर्धारण नियुक्ति की तिथि से नियोक्ता द्वारा निर्धारित अवधि के अनुसार (अधिकतम 3 वर्ष) किया जाएगा। स्वयं सेवी संगठनों में से नामित सदस्यों को आंतरिक शिकायत समिति की कार्यवाही के आयोजन के लिए मानदेय, भत्ते तथा यात्रा पर उसके द्वारा खर्च की गयी राशि का भुगतान महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष) नियम, 2013 के अनुसार दिये जा सकेंगे। अध्यक्ष एवं मनोनीत सदस्यों को अधिनियम की धारा 16 के विरूद्ध एवं अन्यथा जैसा अधिनियम की धारा 4(5) में प्रदत्त है, कार्य करने पर पदच्युत किया जा सकेगा एवं इसके फलस्वरूप उत्पन्न रिक्ति अथवा अन्यथा उत्पन्न रिक्ति को अधिनियम के अन्तर्गत नवीन नियुक्तियों से भरा जा सकेगा। अधिनियम के अध्याय 8 की धारा 21 (1) की पालना में आंतरिक शिकायत समितियों के द्वारा प्रत्येक कैलेण्डर वर्ष के लिए निर्धारित फार्म में एक वार्षिक रिपोर्ट तैयार कर नियोक्ता द्वारा जिला अधिकारी ( जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट) को प्रेषित की जाएगी, जिसमें वर्ष में प्राप्त लैंगिक उत्पीड़न की शिकायतों की संख्या, वर्ष के दौरान निस्तारित की गई शिकायतों की संख्या, 90 दिन से अधिक अवधि तक लंबित मामलों की संख्या, लैंगिक उत्पीड़न के विरूद्ध क्रियान्वित कार्यशालाओं या जागरूकता कार्यक्रमों की संख्या व नियोक्ता द्वारा की गयी कार्यवाही का स्वरूप आदि ब्यौरे शामिल होंगे।