डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीतसिंह पाब्ला को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने
जयपुर, भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीतसिंह पाब्ला को हाल ही जयपुर मंे आयोजित एक समारोह में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान की ओर से आयोजित बेस्ट एम्प्लाॅयर आॅफ द ईयर-2018 अवार्ड समारोह के दौरान डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीतसिंह पाब्ला को सम्मानित किया गया। प्रदेश में स्किल डेवलपमेंट की दिषा में असाधारण योगदान और विद्यार्थियों को स्किल डेवलपमेंट से संबंधित पाठ्यक्रम चुनने के लिए प्रेरित करने के लिहाज से डाॅ. पाब्ला को यह सम्मान दिया गया। एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने अपने 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोेह में उद्योग जगत के बेस्ट एंटरप्रेन्योर्स और लीडर्स को सम्मानित किया। राजस्थान भर के कई नियोक्ताओं और कंपनियों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए। पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा थे। अन्य विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे- राजस्थान चैंबर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के मानद सचिव डाॅ. के. एल. जैन, राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष श्री राजीव अरोड़ा, श्रम आयुक्त डाॅ समित षर्मा और उद्योग आयुक्त मुक्तानंद अग्रवाल। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीतसिंह पाब्ला ने इस अवसर पर कहा, ‘‘एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड हासिल करना एक गौरव और सम्मान की बात है। आज जब बड़ी संख्या में युवा रोजगार की तलाश कर रहे हैं, ऐसी सूरत में हमारे देश में इस समय कौशल विकास की बेहद आवश्यकता है। मुख्यधारा के कोर्सेज का चयन करने वाले अधिकांश लोगों के पास नौकरियों की कमी है और उपलब्ध नौकरियों की तुलना में आज नौकरी की तलाश करने वालों की संख्या बहुत अधिक है। इस दौर में कौशल आधारित शिक्षा हमें एक नए रास्ते पर ले जा सकती है और युवाओं के लिए कई अवसर खोल सकती है।” डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीतसिंह पाब्ला भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर हैं। डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीतसिंह पाबला खुद एम.टेक के साथ एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से पीएचडी भी की है। डॉ. पाब्ला चार विश्वविद्यालयों के कुलपति, एक विश्वविद्यालय के प्रो वीसी और दो प्रौद्योगिकी संस्थानों के निदेशक रहे हैं। सेना में उनके अनुभव में आर्मी यूनिट्स को कमांड करने के साथ इंजीनियरिंग व्यावसायिक कार्य और प्रशासन भी शामिल है।