राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने रविवार को घांघू के शहीद राजेश फगेडिय़ा के परिजनों से मिलकर शहीद वीरांगना मधु देवी का सम्मान किया और शहीद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बाजौर ने कहा कि देश की रक्षा के लिए सीमा पर शहीद होने वालों का सम्मान हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार ने सैनिक व शहीद परिवार के सम्मान के लिए अनेक कदम उठाए हैं और भविष्य में भी इस दिशा में उल्लेखनीय काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोक कल्याण के लिए काम करने वाले व्यक्तियों को हम महापुरुष और देवता मानकर पूजा करते हैं। इसी प्रकार सैनिक भी लोक व राष्ट्र निर्माण की भावना से शहीद होता है, वह देवताओं का भी देवता होता है। उन्होंने महिला शक्ति से आग्रह किया कि किसी भी धार्मिक व साामाजिक आयोजन में शहीद स्मारक पर जरूर नमन करें। उन्होंने ग्रामीणोंं से कहा कि युवा पीढी और बच्चों में शहीद के प्रति सम्मान की भावना व्यक्त करें ताकि उनमें देशभक्ति के संस्कार मजबूत हों। प्रधान रणजीत सातड़ा एवं अन्य ग्रामीणोंं द्वारा गांव के स्कूल का नामकरण शहीद राजेश फगेडिय़ा के नाम पर करने के अनुरोध पर बाजौर ने शीघ्र ही समुचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। प्रधान सातड़ा ने इस दौरान कहा कि शहीद हमारे देश के गौरव हैं तथा सैनिकों के बलिदान के कारण ही हम आजादी की खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता महावीर नेहरा ने बाजौर को बताया कि राजेश फगेडिय़ा वर्ष 2011 में ऑपरेशन मेघदूत में सियाचिन ग्लेशियर में अपनी तैनाती के दौरान शहीद हुए थे। इस दौरान बाजौर ने वीरांगना मधु देवी का शाल ओढाकर सम्मान किया और शहीद पिता रामलाल फगेडिय़ा व माता शारदा देवी के प्रति भी सम्मान व्यक्त किया। साथ ही सरकार की ओर से मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। ग्रामीणों ने गांव के राउमावि का नामकरण शहीद राजेश के नाम से करने के लिए बाजौर को ज्ञापन दिया।