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पीड़ित मानव की सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य -डॉ मोनिका ढूकिया

ढूकिया हॉस्पिटल में नर्सिंग डे मनाया

झुंझुनू, जिला मुख्यालय पर स्थित ढूकिया हॉस्पिटल में नर्सिंग की जन्म दात्री के जन्मदिन को नर्सेज डे के रूप में मनाए जाने के अवसर पर डॉ मोनिका ढूकिया ने कहा कि आधुनिक नर्सिंग की फाउंडर फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म इटली के फ्लोरेंस में हुआ था। आज विश्वभर में कोरोना वायरस से सभी दुखी है। इसी तरह 1853 में क्रीमिया युद्ध के दौरान फ्लोरेंस को तुर्की के हॉस्पिटल भेजा गया तो उन्होंने देखा कि वहां सफाई नहीं है और यह लोग संक्रमण की वजह से मारे जाएंगे तो उन्होंने सबसे पहले सफाई, अच्छा खाना व साफ कपड़ों की व्यवस्था की। बाद में जांच में पाया गया कि 18000 सैनिकों में से सोलह हजार सैनिकों की मौत गंदगी और संक्रामक बीमारियों से हुई है। अतः इस अवसर पर शपथ लेनी चाहिए कि हम अस्पताल की सफाई, रोगी के इलाज के साथ-साथ संक्रमण बचाव की जानकारी देना, जागरूक करना, हौसला बढ़ाना व अकेलापन को दूर करते हुए सही देखभाल करना जरूरी है। इस महामारी में नर्सिंगकर्मी का दायित्व सबसे ज्यादा है क्योंकि रोगी के पास ज्यादा समय नर्सिंगकर्मी ही व्यतीत करता है। अतः फ्लोरेंस के बताए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा करें। रोगी की सेवा से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं है। इस अवसर पर विकास ढुकिया, डॉक्टर अमित उदयपुरिया, डॉक्टर संगीता उदयपुरिया, डॉक्टर पवन टण्डन, डॉक्टर अमित चाहर, डॉक्टर आनंद बुडानिया ने सभी को शुभकामनाएं दी व केक काटकर नर्सिंगकर्मियों एवं चिकित्सा कर्मियों ने शपथ ली कि इस कोरोना वायरस महामारी को ख़त्म करके ही दम लेंगे।

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