चुरूताजा खबर

शहीद किशन सिंह राजपूत की अंत्येष्टि कल

रतनगढ़ तहसील के निकटवर्ती ग्राम भींचरी निवासी किशनसिंह राजपूत उम्र 30 साल कल शनिवार को अल सुबह 4 बजे आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गया था। यह सूचना जब पैतृक गांव भींचरी में पहुंची तो गांव में सन्नाटा छा गया। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के सिरून ग्राम में शनिवार को सुबह 4 बजे शुरू किए गए सर्च ऑपरेशन में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए किशनसिंह शहीद हो गए। पत्नी सन्तोष व दो बेटे धर्मवीर 4 साल का व मोहित 2 साल का है। इनके बच्चे यहां रतनगढ़ के वार्ड 11 में किराए पर रहते हैं। इस आशय की कल सूचना मिलने पर पत्नी सन्तोष बेहोश हो गई और पड़ोस की महिलाओं ने ढ़ाढ़स बंधाया तथा उसे गांव भींचरी पहुंचाया। 55 बटालियन आर आर में सिपाही था किसनसिंह 2010 में भर्ती हुआ। जिसे करीब 9 वर्ष हो गये है। किशनसिंह 28 नवंबर को अपने साथी के साथ एक माह की छुटी काटकर वापिस गया था। 30 महीने की स्पेशल टास्क का समय एक माह बाद ही पूरा होने वाला था, इसके बाद किशनसिंह की पोस्टिंग बीकानेर वापिस होने वाली थी। आर्मी से भगोड़ा सैनिक जहूर ठोकर व उसके दो साथियों से हुई मुठभेड़ के दौरान किशनसिंह के कंधे व सीने में दो गोली लगी थी। इसके बावजूद भी किशनसिंह ने करीब 10 मिनट तक मुकाबला कर तीनों को मार गिराया था। इसके बाद वह बेहोस हो गया था। शव सायं जम्मू कश्मीर से दिल्ली पहुंचाया गया। सुबह दिल्ली से सैना के हवाई जहाज के द्वारा करीब 2.30 बजे बीकानेर के नाल हवाई अड्डे पर पहुंचेगा। इसके बाद बीकानेर से सडक़ मार्ग के द्वारा रतनगढ़़ तहसील के गांव भींचरी पहुंचाया जायेगा। जहां पर किशनसिंह के शव की राजकीय सम्मान के साथ कल सोमवार को पैतृक गांव भींचरी में अंत्येष्टि होगी। किशनसिंह के पिता हनुमानसिंह का 2011 देहांत हो गया था। किशनसिंह की शादी 2012 में फतेहपुर के डाबड़ी गांव में संतोष के साथ शादी हुई थी।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button