आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में
सूरजगढ़, आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में गांधी कृषि फार्म सूरजगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया व प्रथम लोकसभा के प्रभावशाली सदस्य, प्रसिद्ध पत्रकार, संविधान सभा के सदस्य और स्वतंत्रता सेनानी फिरोज गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद किया। फिरोज गांधी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, निडर पत्रकार और आजादी के बाद देश के सबसे प्रभावी लोकसभा सांसदों में से एक थे। फिरोज गांधी ने देश की कई नामी संस्थाओं का राष्ट्रीयकरण कराया। इनमें से इंश्योरेंस सेक्टर की कंपनी एलआईसी भी शामिल है। भारत की आठ रत्न कंपनियों में से एक इंडियन ऑयल का पहला चेयरमैन फिरोज गांधी को ही बनाया गया था। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने कहा- साक्षरता आज की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है। इसका सामाजिक एवं आर्थिक विकास से गहरा संबंध है। दुनिया से निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने 1965 में विश्व साक्षरता दिवस मनाने का फैसला लिया था। साक्षरता दिवस का प्रमुख उद्देश्य नवसाक्षर को उत्साहित करना व हर व्यक्ति को शिक्षित बनाना है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हमारे लिए अहम दिवस है। क्योंकि हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है। हमारे देश में पुरुषों की अपेक्षा महिला साक्षरता कम है। हमें आज के दिन यह संकल्प लेना होगा कि हर व्यक्ति साक्षर बने, निरक्षर कोई ना रहे। साक्षरता कौशल का विकास एक मूलभूत विकास है। इसका विकास जीवन भर होता रहता है। यह जीवन में महत्वपूर्ण सोच, सहभागितापूर्ण शासन, जिम्मेदारी की भावना, टिकाऊ विकास और जीवन शैली, जैव विविधता संरक्षण, आपदा जोखिम में कमी, गरीबी कम करने और व्यापक दक्षताओं के साथ इनमें सुधार करने में अभूतपूर्व भूमिका का निर्वहन करता है। हमारे देश में वंचित वर्ग, दलित व पिछड़े वर्ग में आज भी साक्षरता की कमी है। जिसकी वजह से वह और गरीब होते जा रहे हैं। निरक्षर होने की वजह से उन्हें अपने अधिकारों का फायदा भी नहीं मिल रहा है। निरक्षरता गरीबी का मुख्य कारण है। निरक्षरता अंधेरे के समान है और साक्षरता प्रकाश के समान है। इसलिए हर व्यक्ति का साक्षर होना अति आवश्यक है, जिससे व्यक्ति को अपने मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों का ज्ञान हो और वह समाज के प्रति अपने अधिकारों और दायित्व का निर्वहन भली-भांति कर सके। साथ ही सभ्य समाज के लिए लोगों का शिक्षित होना बेहद जरूरी है। गरीबी उन्मूलन में साक्षरता का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इस बार अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर एक नई शुरूआत खुद से करते हैं। साक्षरता दिवस पर एक प्रण करते हैं, उस यज्ञ में आहुति देने का, जो शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए बरसों से किया जा रहा है, लेकिन उसकी ज्वाला उतनी तीव्रता से धधक नहीं पा रही। जरूरी नहीं है, कि इसके लिए हमें कोई बड़े काम से शुरूआत करनी हो। आहुतियां छोटी ही होती हैं। लेकिन यज्ञ का महत्व और उद्देश्य बड़ा होता है। ठीक वैसे ही हमारी छोटी-छोटी कोशिशें भी कई बार बड़ा आकार लेने में सक्षम होती हैं। साक्षरता की दिशा में सरकार द्वारा चलाई गई योजनाएं प्रशासन की लापरवाही की वजह से हर व्यक्ति तक नहीं पहुंच रही हैं। हमारे देश में अब भी साक्षरता की बहुत कमी है इसलिए हम सबको मिलकर शिक्षा से वंचित लोगों को जागरूक करना होगा और उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से साक्षर करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियां निरक्षरता के अंधकार में जीने को मजबूर ना हो। सफल जिंदगी जीने के लिए खाने की तरह ही साक्षरता की भी बहुत जरूरत है। शिक्षित व्यक्ति में वह क्षमता है जो परिवार और देश की प्रतिष्ठा को बढ़ा सकता है। कार्यक्रम में आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य चाँदकौर, पिंकी नारनोलिया, दिनेश कुमार, सोनू कुमारी, अंजू गांधी, अमित कुमार सुनील गांधी, रवि कुमार, इशांत आदि अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।