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चूरू सहित छह जिलों के लिए होगा थार क्षेत्र विकास बोर्ड का गठन

चूरू, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के विभिन्न जिलों में पर्यटन को बढ़ावा देने, क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और पर्यटन स्थलों के विकास के लिए थार क्षेत्र विकास बोर्ड के गठन का महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके साथ ही ब्रज क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने और थार क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ब्रज क्षेत्र धार्मिक विकास बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री गहलोत की स्वीकृति से गठित होने वाले दोनों बोर्ड का मुख्यालय जयपुर में होगा। पर्यटन विभाग इनका प्रशासनिक विभाग होगा। इनमें पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक (विकास) के सदस्य सचिव होंगे।

थार क्षेत्र विकास बोर्ड

यह बोर्ड क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान, पर्यटन को बढ़ावा देने, क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और पर्यटन स्थलों के विकास के लिए राज्य सरकार को सुझाव देगा। बोर्ड पर्यटन विकास की दृष्टि से समग्र आकलन करेगा। क्षेत्रीय पर्यटन विकास परियोजनाएं बनाएगा। धोरों पर एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देगा। पर्यटकों के लिए ढाणियों में आवास-प्रवास विकसित करेगा। थार के पारम्परिक हस्तशिल्प, कुटीर उद्योगों, कला शिल्प के संरक्षण-संवर्धन के कार्य भी करेगा।

इस बोर्ड में अध्यक्ष सहित चार गैर सरकारी सदस्य होंगे। सरकारी सदस्यों में पर्यटन विभाग निदेशक, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बीकानेर व जोधपुर के संभागीय आयुक्त या प्रतिनिधि, चूरू, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बाड़मेर के जिला कलक्टर या उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे। विशेष आमंत्रित सदस्य भी बैठकों में बुलाए जा सकते हैं। बोर्ड का कार्यक्षेत्र चूरू, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में रहेगा।

ब्रज क्षेत्र धार्मिक विकास बोर्ड

यह बोर्ड ब्रज क्षेत्र को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और पर्यटन स्थलों के विकास के लिए राज्य सरकार को कार्य योजना व सुझाव देगा।

कार्यों में श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्रा मार्गों श्री गिर्राजजी 84 कोस परिक्रमा आदि को आवागमन के लिए सुगम बनाने, विश्राम स्थलों के विकास, ब्रज संस्कृति से जुड़े पारम्परिक मेलों, उत्सवों और कलाओं का संरक्षण व संवर्धन के कार्य करेगा।

इस बोर्ड में अध्यक्ष सहित चार गैर सरकारी सदस्य होंगे। इनका कार्यकाल पदग्रहण से तीन वर्ष का होगा। सरकारी सदस्यों में पर्यटन विभाग के निदेशक, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भरतपुर संभागीय आयुक्त या उनके प्रतिनिधि, भरतपुर जिला कलक्टर या उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बोर्ड के कार्यक्षेत्र भरतपुर और करौली जिले में होंगे।

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