स्थानीय दुकानदारों का आरोप नहीं हुई है कई महीनों से सफाई
शौचालयों का निर्माण करके भूल गई है नगर परिषद
शहर के व्यस्ततम एवं सरकारी प्रतिष्ठानों के पास स्थित शौचालय में गंदगी का आलम
नगर परिषद की उपेक्षा का हो रहे हैं शिकार यह शौचालय
झुंझुनू, नगर परिषद पर शहर में साफ सफाई और गंदगी को लेकर यूं तो अमूमन हर रोज ही सवाल खड़े होते रहते हैं। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं शहर के रोड नंबर 1 पर स्थित हेड पोस्ट ऑफिस के पास स्थित शौचालयों की। स्थानीय लोगों के अनुसार नगर परिषद के द्वारा शौचालय तो बनवा दिए गए हैं लेकिन इसके निर्माण के बाद से ही यहां पर इसकी साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिसके चलते हुए इनके पास से गुजर ना भी अब मुश्किल हो चला है। आपको बता दें कि जहां पर यह शौचालय बने हैं वहां पर शहर का हेड पोस्ट ऑफिस के साथ बीएसएनल सेवा केंद्र, शहर की बड़ी सरकारी स्कूल जेपी जानू स्थित है। साथ ही इसके सामने एसबीआई बैंक की शाखा भी है। वही आसपास की दुकानों पर सैकड़ों लोगों का रोज आना जाना लगा रहता है। लेकिन शौचालयों में साफ सफाई की व्यवस्था के अभाव में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते लोग खुले में ही टॉयलेट करने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि नगर परिषद के इन शौचालय के इतने बुरे हालात हैं कि इनके अंदर महीनों से मल भरा हुआ पड़ा है। जिसके कारण इसके अंदर जाना संभव नहीं है जिसके चलते उन्हें शौचालयों के आसपास दीवारों पर ही टॉयलेट करना पड़ता है। वही महिलाओं को किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण से शारीरिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है। शहर के इतने व्यस्ततम और सरकारी कार्यालयों के बीच बने हुए इस शौचालय की ऐसी दुर्दशा देखकर झुंझुनू शहर की नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल स्वत ही खुल जाती है। इस मामले में हमने नगर परिषद के सीएसआई राजीव जानू से फोन पर बात की तो उन्होंने उन्होंने उनका कहना है कि चेक करवाते हैं और सफाई होना नहीं पाया जाता है तो रिपोर्ट करते हैं और सफाई व्यवस्था जिसको भी ठेका दिया हुआ है उसके पैसे में कटौती करवाते हैं। वही सवाल उठता है कि नगर परिषद के द्वारा बनाए हुए शौचालय में सफाई व्यवस्था को सुपरविजन करने के लिए कोई व्यवस्था है या नहीं या फिर व्यवस्था बनी हुई है तो महज कागजों तक ही सीमित है। धरातल पर कोई भी व्यक्ति जाकर इनका सुपरविजन नहीं करता है जिसके चलते जिस फर्म को इनकी साफ सफाई का ठेका दिया हुआ है। वह मनमर्जी से इनकी साफ सफाई करते हैं और स्थानीय दुकानदारों और सरकारी कार्यालय में आने वाले लोगों को इससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।