झुंझुनू, श्री जगदीश प्रसाद झाबरमल टीबड़ेवाला विश्वविद्यालय (जेजेटी यूनिवर्सिटी) में हिंदी दिवस उत्साह और सांस्कृतिक माहौल के बीच मनाया गया। इस अवसर पर भाषण और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
हिंदी से जुड़ती है विविधता
कार्यक्रम की शुरुआत में वक्ताओं ने कहा कि भारत की भाषाई, धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को जोड़ने का काम हिंदी करती है। अलग-अलग धर्म और क्षेत्रों में रह रहे लोग हिंदी भाषा के माध्यम से एकता का संदेश देते हैं।
चेयरपर्सन का संदेश
विश्वविद्यालय की चेयरपर्सन डॉ. विनोद टीबड़ेवाला ने ऑनलाइन जुड़कर छात्रों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि “हिंदी ही वह भाषा है जो दिलों की दूरियों को मिटाकर सबको एक सूत्र में बांधती है।”
अधिकारियों के विचार
- डॉ. धर्मेन्द्र (सहायक कुलसचिव, अकादमिक) ने कहा कि “हिंदी भाषा भारत की एकता और अखंडता की पहचान है।”
- डॉ. अरुण कुमार (खेल निदेशक) ने बताया कि “देश के किसी भी हिस्से में हिंदी सहजता से बोली और समझी जाती है।”
- डॉ. अनिल कड़वासरा (परीक्षा नियंत्रक) ने कहा कि “संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा घोषित किया था, इसलिए हर साल यह दिवस मनाया जाता है।”
छात्र-छात्राओं की भागीदारी
कार्यक्रम में वर्षा यादव, योगेश, दिव्या, एंजेल, जुनेरिया, मनीषा, पीयूष और जसवंत सहित कई विद्यार्थियों ने मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
सफल आयोजन
हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. धनेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
मंच संचालन डॉ. नाजिया हुसेन ने किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।