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झुंझुनू जिले के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी सीख रहे खुद से बॉडी मास इंडेक्स निकालना

झुंझुनू, पिरामल फाउंडेशन कई गत वर्षों से झुंझुनू में शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देती आई है जिसमें गांधी फेलोज़ की अपनी एक अहम भूमिका होती है। परियोजना आधारित शिक्षण प्रोग्राम में कार्यरत गाँधी फेलोज़ निमिषा.एम. (केरल ), प्रतिज्ञा कुमारी लाला (झारखण्ड), शान्तनु (पश्चिम बंगाल), गजानन (महाराष्ट्र), एवं ऐश्वर्या (केरल) झुंझुनू जिले के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों के साथ 21 वीं सदी की कई सारी कौशलों को विकसित करने हेतु अपना योगदान समर्पित कर रहे हैं! परियोजना आधारित शिक्षण के माध्यम से बच्चे स्वंय से अपने स्थानीय सन्दर्भ में चीज़ों को स्वायत्ता से सीख सकें।
इसी क्रम में परियोजना आधारित शिक्षण के तहत इन गाँधी फेलोज़ ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के साथ बॉडी मास इंडेक्स निकालना सीखा जिसमें बच्चे क्रमबद्ध तरीके से अपनी लम्बाई और वज़न की गणना एक फार्मूला के माध्यम से पूर्ण करते हैं और उसके आधार पर अपनी एवं अपने साथियों की बॉडी मास इंडेक्स निकालते हैं। इस गतिविधि में अब तक 20 विद्यालयों के 400 से अधिक विद्यार्थी शामिल हो चुके हैं। इस बॉडी मास इंडेक्स गतिविधि के आधार पर विद्यालय के बच्चों को किस प्रकार का आहार व व्यायाम अपने दैनिक जीवन में शामिल करना है उसको लेकर बच्चों व उनके माता पिता को जागरूक किया जा सकता है और आदर्श विद्यालय व समुदाय की कल्पना को साकार करने की ओर प्रेरित हुआ जा सकता है।
इस गतिविधि को करने के उपरान्त विद्यार्थी व मिड डे मील में काम करने वाली सहायका व शिक्षक-शिक्षिकाओं ने इसे खूब सराहा और स्वंय का बॉडी मास इंडेक्स निकालने के लिए फेलोज़ से कहा। उन्होंने ये भी बताया कि इस तरह की गतिविधियाँ और शिक्षण विद्यार्थियों को अपने आसपास की समस्याओं व स्वंय के प्रति जागरूक होने व उनके हलों पर विचार विमर्श करने में सहायक होती हैं साथ ही साथ इस तरह की शिक्षण प्रक्रिया बच्चों को स्वायत्ता से सीखने और समूह के रूप में आगे बढ़ने में मदद करती हैं।