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कहीं आपको भी तो भूलने की आदत तो नहीं है !

हल्के में नहीं लें इसे….

झुंझुनूं, मोबाइल का बेतहाशा उपयोग और दौड-भाग भरी जिंदगी में जरुरी चीजें भूल जाना आजकल आम बात हो गई है। कोरोनाकाल के बाद में यह प्रवृति लोगों में अधिक देखने को मिल रही है। लेकिन इसे आम बात नहीं मानकर इसकी गंभीरता समझकर समय पर निदान आवश्यक है। राजकीय बीडीके अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. कपूर थालौड़ बताते हैं कि कोरोनाकाल के बाद लोगों में याद्दाश्त कमजोर होने की समस्या बढ़ गई है। ऐसा लंबे समय तक होना डिमेन्शिया का भी संकेत हो सकता है। दरअसल डिमेंशिया अपने आप में कोई रोग नहीं लेकिन लक्षण समूह है जिसमें याददाश्त, विचार, तर्क एवं निर्णय करने की शक्ति, एकाग्रता आदि बोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। अल्जाइमर रोग डिमेन्शिया का ही एक प्रकार है। यह क्रमशः बढने वाला तंत्रिका तंत्र रोग है, जो आमतौर पर प्रौढ़ व्यक्तियों में पाया जाता है, जिसकी शुरुआत याद्दाश्त में गड़बड़ी और विचारों में उलझन या भ्रांति से होकर आगे बढ़ कर व्यक्ति की विचारशक्ति एवं भाषा पर भी बुरी असर डालती है। सामान्यतया इसकी वजह विटामिन बी-12, फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों की कमी या तीव्र डिप्रेशन, अल्कोहल का अधिक मात्रा में उपयोग, या मस्तिष्क में गांठ हो सकता है।

निदान:
डॉ. कपूर थालौड़ के मुताबिक रोग की गंभीरता और तीव्रता के अनुसार रोगी को कॉलिंग एस्ट्रेला इनहिबिटर्स दवाइयां जैसे डोनेपेझील, रेवास्टिगमीन, गेलेन्टामाईन, एन.एम.डी.ए. या ग्लुटामेट रिसेप्टर्स ब्लोकर दवाई जैसे मेमेन्टिन इत्यादि दी जाती हैं। रोगी के व्यक्तिगत तौर लक्षण के अनुसार अन्य दवाइयां भी दे सकतें है।

वहीं आयुर्वेद विभाग के सेवानिवृत उपनिदेशक डॉ. चंद्रकांत गौतम बताते हैं कि ब्रह्मी घृत 1-1 चम्मच गाय के दूध के साथ सुबह-शाम लेना इसमें लाभकारी हैं। इसके अलावा अश्वगंधा चूर्ण, ब्राह्मी चूर्ण और मिश्री समान भाग में लेकर गाय के दूध के साथ लेना भी विशेष लाभकारी है। सारस्वतारिष्ट और अश्वगंधारिष्ट सीरप भी मानसिक रोगों में लाभ पहुंचाती हैं। इसके साथ ही सोने से पूर्व अच्छे साहित्य का अध्ययन करना चाहिए। मानसिक और शारीरिक तौर पर सक्रिय रहने का प्रयास करना चाहिए। जरुरी चीजें पॉकेट डायरी में नोट करने की आदत डालें। मन को शांति देने वाला संगीत सुने और ध्यान, योग एवं आध्यात्म से जुड़ें।

साभार- डॉ. कपूर थालौड़, मनोरोग विशेषज्ञ, राजकीय बीडीके अस्पताल, झुंझुनूं,
डॉ. चंद्रकांत गौतम, से.नि. उपनिदेशक, आयुर्वेद विभाग, झुंझुनूं

संकलन- हिमांशु सिंह, जिला जनसंपर्क अधिकारी, झुंझुनूं

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