प्रतिदिन जिले के विभिन्न स्थानों से लोग इलाज के लिए पहुंचते है बीडीके अस्पताल में
मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना से भी बढ़ा है लोगो का इस और रुझान
झुंझुनू, झुंझुनू जिले में चिकित्सा सेवा का सबसे बड़ा केंद्र के रूप में उभरकर सामने आ रहा है बीडीके अस्पताल। पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ वीडी बाजिया ने बताया कि बीडीके अस्पताल का आउटडोर लगभग 2500-3000 रहता है तथा प्रतिदिन 100-125 रोगी अस्पताल में भर्ती होते हैं। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र भाम्बू ने बताया कि अस्पताल में लगभग 40-50 बच्चें भर्ती रहते हैं तथा 15-20 नवजात शिशु भर्ती रहते हैं। प्रतिदिन 10-15 डिलिवरी होती है। प्रतिदिन 10-15 आपरेशन होते हैं। प्रतिदिन 15-20 ट्राॅमा रोगीयों का उपचार किया जाता है। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र भाम्बू ने बताया कि प्रत्येक गंभीर रोगी, बड़े बुजुर्गो,नवजात शिशु, गर्भवती महिलाओं, आपरेशन के रोगीयों के साथ परिजन अवश्य आते हैं। इससे अस्पताल में आने वाले आमजन की संख्या रोगीयों की संख्या से दुगुनी हो जाती है। सामाजिक कार्यकर्ता सुनील महरिया के अनुसार जिले में प्रतिदिन 5000 से 7000 आमजन का एकत्रित होने का एकमात्र स्थान बीडीके अस्पताल झुंझुनूं है। जो प्रतिदिन आमजन की सेवार्थ खुला रहता है। एक्सीडेंट,ट्रामा, कोरोना आदि में अस्पताल लाखों आमजन का सहारा बना है। डॉ जितेन्द्र भाम्बू बताते हैं कि ग्रीष्मकालीन ऋतु में आमजन के लिए शीतल जल,बैठने की व्यवस्था, बिजली की व्यस्था, खानपान की सेवाएं, रहन सहन की सेवाएं आदि भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। अस्पताल में लाखों लोग प्रतिमाह ईलाज लेते हैं। बीडीके अस्पताल झुंझुनूं प्रदेश का एकमात्र ईको-फ्रैडली अस्पताल है जहां वातावरण, साफ़ सफाई एवं रोगीयों की व्यवस्था राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। डॉ बाजिया बताते हैं कि 5000-7000 आमजन को प्रतिदिन सहज एवं सुलभ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाना चुनौतीपूर्ण रहता है। अस्पताल में 74 चिकित्सक,150 नर्सिंगकर्मी,200 पैरामैडिकल स्टाफ, सफाईकर्मियों आदि के द्वारा निरंतर सेवाएं प्रदान की जा रही है।