मुख्यमंत्री की झुंझुनू में हुई जन सभा ने निभाई अहम भूमिका
झुंझुनू , प्रदेश में खींवसर व मंडावा विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में मंडावा से कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी ने 33704 मतों से बंपर जीत हासिल की है। रीटा चौधरी की बंपर जीत के पीछे पिछले दिनों झुंझुनू में स्वर्गीय राम नारायण चौधरी की पुण्यतिथि पर हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जनसभा ने अहम भूमिका निभाई है। मंडावा विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख जाति जाट वर्ग के वोट दो भागों में विभाजित हो गए लेकिन मुख्यमंत्री की सभा के कारण अन्य छोटी जातियां कांग्रेस के फेवर में झुक गई। दूसरा कारण यह रहा कि वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है और रीटा चौधरी जीतती है तो उनका मंत्री पद भी तय माना जा रहा है क्योंकि वह हारे हुए प्रत्याशी के रूप में भी लगातार मंडावा विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। वहीं भाजपा की तरफ से नरेंद्र खिचड़ सांसद को छोड़ दें तो कोई भी इतना जनता से सीधा कनेक्ट नहीं रहा है। मंडावा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति पर गौर फरमाएं तो पता चलता है कि वहां पर पिछले तीन – चार विधानसभा चुनाव से राजनीति रीटा चौधरी और नरेंद्र कुमार के इर्द-गिर्द ही घूम रही है जिसके चलते यदि यहां से सांसद पुत्र अतुल खिचड़ को टिकट दी जाती तो हो सकता था की हार का अंतर कम होता या फिर परिणाम दूसरा भी हो सकता था। वहीं भाजपा का अभिमान भी इसमें आड़े आया भाजपा और उसके नेता अपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के साथ अजेय समझ रहे थे जिनका मुगालता अब जनता ने उपचुनाव में निकाल दिया है। भाजपा की तरफ से स्टार प्रचारक और प्रदेशाध्यक्ष मंडावा में डेरा डाले हुए थे लेकिन रीटा चौधरी की तरफ से देखा जाए तो स्टार प्रचारक के रूप में मुख्यमंत्री ने झुंझुनू जिला मुख्यालय पर ही जनसभा को संबोधित किया बाकी रीटा चौधरी मंडावा की जनता से सीधे रूबरू हुई। वही रामनारायण चौधरी के परिवार का क्षेत्र में लंबे समय तक दबदबा रहा है रामायण चौधरी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं वहीं 7 बार विधायक के रूप में निर्वाचित हो चुके हैं जबकि अब की बार दूसरी बार रीटा चौधरी विधानसभा में पहुंचेगी इस प्रकार देखा जाए तो आज तक हुए 16 चुनाव में नो चुनाव पर इस परिवार ने जीत दर्ज की है।