चुरूताजा खबर

सांसद कस्वां लोकसभा में बोले ‘ओलावृष्टि से हुए नुकसान का किसानों को मिले पूरा मुआवजा’

लोकसभा में शून्यकाल के तहत्त बोलते हुए सांसद ने SDRF, NDRF और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाइडलाइंस में बदलाव की मांग की

दिल्ली/ चूरू, सांसद राहुल कस्वां ने बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के अंतर्गत चूरू लोकसभा सहित उत्तर-पश्चिम राजस्थान में हुई भयंकर ओलावृष्टि से किसानों की रबी की फसलों के नष्ट होने का मुद्दा उठाते हुए मुआवजे की मांग की। सांसद कस्वां ने अपने सम्बोधन में कहा कि भयंकर ओलावृष्टि से किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई। सालों साल से इतनी भारी ओलावृष्टि देखने को नहीं मिली। चूरू संसदीय क्षेत्र की तहसील सादुलपुर, तारानगर, नोहर व भानीपुरा सहित कई इलाकों में किसानों का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। नुकसान के आंकलन हेतु स्पेशल गिरदावरी तो शुरू हो चुकी है, लेकिन स्पेशल गिरदावरी केस की सबसे बड़ी समस्या यह है कि SDRF व NDRF गाइडलाइंस में 2 हैक्टेयर की कैपिंग लगा रखी है यानि कि 2 हैक्टेयर से अधिक के नुकसान की भरपाई नहीं की जायेगी। अत: सरकार ये 2 हैक्टेयर कैपिंग को हटाए; क्योंकि राजस्थान क्षेत्रफल में बड़ा प्रदेश है और प्रति किसान लगभग 6-7 हैक्टेयर कृषि भूमि है। अत: इन कैपिंग वाली गाइडलाइंस को हटाकर सभी किसानों को पूरे नुकसान का मुआवजा दिया जाये।
साथ ही SDRF व NDRF की गाइडलाइंस में प्रति किसान मात्र 17 हजार नुकसान की भरपाई हेतु मुआवजा राशि देने का नियम भी बंद किया जाए; क्योंकि किसानों के एक हैक्टेयर में लाखों की फसलें उत्पादित होती हैं। राजस्थान जैसे प्रदेश में हमारा वो इलाका है जहां मौसम आधारित खेती हमारा किसान करता है। अत: किसानों का नुकसान जो हुआ है उसकी पूरी तरह से भरपाई करने हेतु मुआवजा राशि दी जाये।

इसके अलावा सांसद कस्वां ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाइडलाइंस में बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा कि पहले योजना की गाइडलाइंस में था कि यदि किसान की फसल खड़ी हुई हो या काट ली हो और उस स्थिति में यदि किसान को नुकसान होता है तो व्यक्तिगत नुकसान के अंतर्गत उसे बीमा क्लेम दिया जायेगा, लेकिन 2023 में इस योजना की गाइडलाइंस में बदलाव कर खड़ी फसल के नुकसान को बाहर कर दिया गया है जो किसान हित्तों के खिलाफ है। अत: सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पहले की तरह खड़ी व कटी हुई फसलों के खराबे की स्थिति में व्यक्तिगत नुकसान में शामिल करे। खड़ी फसल पर ओलावृष्टि या अन्य किसी आपदा से नुकसान होता है तो उसका भी बीमा क्लेम/मुआवजा दिया जाना सुनिश्चित करे; ताकि किसानों का अहित्त न हो।

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