ताजा खबरशेष प्रदेश

मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

एक लाख करोड़ रूपए का अनुदान उपलब्ध कराने का किया अनुरोध

जयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कोविड-19 महामारी का गरीब तबके पर विपरीत प्रभाव रोकने एवं आवश्यक उपायों को लागू करने के लिए देश के सभी राज्यों को एकमुश्त एक लाख करोड़ रूपए का अनुदान उपलब्ध कराया जाए। अनुदान राशि की पहली किश्त राज्यों को प्रति व्यक्ति जनसंख्या के आधार पर दी जा सकती है। बाद में जिन राज्यों में संक्रमण ज्यादा हो उनको अधिक अनुपात एवं बाकि राज्यों को समानुपातिक आधार पर अनुदान राशि का वितरण किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कोविड-19 महामारी को देखते हुए भारत सरकार द्वारा घोषित र्आथिक पैकेज के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस महामारी से भारत सरकार और राज्यों को संयुक्त रूप से लड़ना होगा। गहलोत ने अपने पत्र में लिखा कि भारत सरकार भारतीय रिर्जव बैंक को र्निदेश प्रदान करे कि राज्यों को एक लाख करोड़ रूपए विशेष ब्याज रहित वेज एण्ड मीन्स अग्रिम के तौर पर दें। यह व्यवस्था एक अप्रेल, 2020 से 11 महीनों के लिए की जाए। पत्र में उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्यों की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। कर एवं गैर कर राजस्व में आई भारी कमी को ध्यान में रखते हुए राज्यों को मिलने वाली शुद्ध ऋण सीमा में 2 प्रतिशत की अतिरिक्त ऋण सीमा की अनुमति तुरन्त दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने लिखा कि भारत सरकार के पास भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) जैसे शीर्ष स्तर के संस्थानों को निर्देश देने की शक्ति है। राज्यों को अपेक्षा है कि केन्द्र के अधीन समस्त वित्तीय संस्थानों को र्निदेशित किया जाए कि राज्यों के समस्त ऋण जो आगामी समय में देय हैं, उनके भुगतान का पुर्ननिधारण करते हुए बिना ब्याज के न्यूनतम 3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि बॉण्ड र्माकेट की वर्तमान स्थिति को देखते हुए राज्य के विकास ऋण भारत सरकार की तुलना में अधिक ब्याज दर पर उपलब्ध हो रहे हैं। ऎसे में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए होने वाले व्यय को देखते हुए भारत सरकार द्वारा अपने स्तर पर नए ऋण लिए जाएं और राज्यों को अग्रिम उधार के रूप में उपलब्ध कराए जाएं। हालांकि इसे उन्होंने अंतिम उपाय के रूप में उपयोग में लेने की बात भी कही है। गहलोत ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण लोगों की आजीविका के सामने संकट खड़ा हो गया है। लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए राजस्थान सरकार आवश्यक वस्तुओं की आर्पूति श्रृंखला बनाए रखने के साथ ही कमजोर एवं वंचित वर्ग को नकद राशि व आवश्यक राशि उपलब्ध कराने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि राज्य सरकार ने हैल्थ सेक्टर में व्यय को बढ़ाते हुए इस महामारी के प्रभाव को रोकने के लिए पूरी क्षमता के साथ उपाय किए हैं। इस बीमारी से लड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद नए संसाधन जुटाने में राज्य की सीमाएं हैं। भारत सरकार के पास वित्त जुटाने के लिए मौद्रिक, राजकोषिय एवं ऋण नीतियों का उपयोग करने की शक्तियां हैं। ये शक्तियां राज्य सरकारों के पास उपलब्ध नहीं हैं। ऎसे में कोविड-19 से निरंतर बदलती स्थितियों से निपटने के लिए राज्यों को र्पयाप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिएं। गहलोत ने देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियो को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए उनसे आग्रह किया है कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की भावना को मजबूत करते हुए इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाएं ताकि राज्य सरकारें कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए किए जा रहे उपायों को लागू करने एवं संसाधनों का इंतजाम करने में समक्ष हो सकें।

Related Articles

Back to top button