सीकरहादसा

सडक़ हादसे में चार की मौत, हनुमानपुरा और बाय में गमगीन माहौल में हुई अंत्येष्टि

 रींगस रोड करणी माता मंदिर के पास बीती रात को तेज रफ्तार ने एक बार फिर 4 परिवारों के दीपकों की जिंदगी का दीपक अस्त कर दिया। गुरुवार रात को करीब 11 बजे रींगस खाटू श्याम जी सडक़ पर करणी माता मंदिर के सामने तेज रफ्तार के कारण निजी बस व जीप की टक्कर में 4 लोगों की अकाल मौत हो गई। गौरतलब है कि गुरुवार को मगनपुरा ग्राम के रुंडला परिवार में लडक़े की शादी की बारात रींगस के पास परसरामपुरा में गई थी। मृतक एवं घायल दोस्त की शादी में शरीक होकर वापस अपने घर लौटते समय करनी माता के सामने खाटूश्यामजी से जा रही निजी बस से टक्करा गई। बस के टकराने के बाद एक पेड़ में जाकर टकरा गई जिसमें 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि घायल दीपक ने जयपुर ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया । प्राप्त जानकारी के अनुसार दीपक पुत्र पप्पू राम बलाई निवासी हनुमानपुरा वार्ड नंबर 19 का रहने वाला था । वह अभी बारहवीं कक्षा का छात्र था जबकि उसके पिताजी गुजरात के सूरत शहर में टाइलो का काम करते हैं मृतक के घर वालों ने बताया कि दीपक की सगाई हाल ही में की गई थी। इसी प्रकार विनोद कुमार पुत्र फूलचंद बलाई निवासी हनुमानपुरा अपने पिता का इकलौता वारिस था। जिसकी शादी सुरेरा मंडा में 6 महीने पहले माया देवी से हुई थी। माया के हाथों की मेहंदी अभी पूरी तरह से उतरी भी नहीं थी कि इससे पहले ही उसके अरमानों का घरौंदा ध्वस्त हो गया । विनोद के 2 बहिने हैं जिनकी शादी हो चुकी है । वही बाय ग्राम में मृतक बनवारी लाल थोरी पुत्र भूराराम निवासी बाय जो कि जयपुर में रहकर जॉब की तैयारी कर रहा था जिसकी भी इस हादसे में मौत हो गई । बनवारी अभी अविवाहित था। साथ ही ग्राम बाय का ही निवासी जितेंद्र पूनिया पुत्र भीवाराम पुनिया गांव में रहते हुए मजदूरी का काम करता था । जो कि शादीशुदा था । इसके अभी तक कोई संतान नहीं है प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी दोस्त अपने मगनपुरा के दोस्त की शादी में शरीक होने के लिए पहले मगनपुरा गांव में पहुंचे थे । उसके बाद जीप से दोस्त की बारात में रींगस के पास में परसरामपुरा में गए थे । वहां से गाड़ी में हंसी मजाक करते हुए अपने- अपने घरों की ओर रवाना हुए। अचानक करनी माता मंदिर के सामने उनकी जीप मोड में सामने से आ रही निजी बस से टक्कर खाकर पलटते हुए पेड़ से जा टकराई जिसमें उनकी मौत हो गई। इन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि हम कभी घर नहीं पहुंच पाएंगे । मृतक दीपक के गांव में ही चाचा की लडक़ी की शादी थी । चाचा की लडक़ी की शादी को छोडक़र अपने दोस्त की शादी में शरीक हुआ था

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