कवि सम्मेलन के माध्यम से दिया देश में शांति और भाईचारे का संदेश
घर-घर प्रेम का दीप जले हर दिल रोशन हो जाये,
सबसे सुंदर सबसे प्यारा अपना गुलशन हो जाये।
झुंझुनू, राष्ट्रीय साहित्यिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में दीपावली के पावन पर्व पर दीपोत्सव पर काव्यप्रकाश कार्यक्रम का आयोजन किया। विभिन्न प्रांतों से कवि व साहित्यकारों ने ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेकर शानदार रचनाएं प्रस्तुत कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये। कार्यक्रम के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी व मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठन अमालेस के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तिवारी ‘रवि आभा’ और विशिष्ट अतिथि दिल्ली से प्रवीण व्यास रहे। कार्यक्रम का प्रभारी फरीदाबाद से कमल धमीजा को बनाया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रयागराज से रेनू मिश्रा दीपशिखा ने किया। कार्यक्रम में कटक ओडिशा से संघमित्रा राएगुरु, नैनीताल से बीना फुलेरा व अमृता पांडे। जम्मू कश्मीर से अनु अत्री याद, दिल्ली से रजनीश गोयल, रायबरेली से पुष्पलता लक्ष्मी, वाराणसी से गोपाल केसरी, झुंझुनू राजस्थान से अशोक जोरासिया, प्रयागराज से महादेवी वर्मा की शिष्या कविता उपाध्याय, हसनपुर अमरोहा से एडवोकेट मुजाहिद चौधरी, गुजरात से अल्पा महेता, लखनऊ से अलका अस्थाना व अनुजा मिश्रा। देहरादून से राकेश कपूर, गोवा से विकास कुमार व अमित कुमार। भिवाड़ी से राजेंद्र कुमार, नीमराना से माया देवी, दिल्ली से चंद्रमणि मणिका आदि अन्य कवि व साहित्यकारों ने कार्यक्रम में भाग लिया। कवि मुजाहिद चौधरी ने दीपावली और देश भक्ति पर शानदार कविता प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। कवयित्री रेनू मिश्रा दीपशिखा, कमल धमीजा, रजनीश गोयल, बीना फुलेरा, पुष्पलता लक्ष्मी और अर्चना गोयल ने भी शानदार काव्य पाठ किया। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी व महिला इकाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेनू मिश्रा दीपशिखा और राष्ट्रीय महासचिव कमल धमीजा ने कहा- किसी भी देश की संस्कृति उसकी आत्मा होती है। भारतीय संस्कृति की गरिमा अपार है। इस संस्कृति में आदिकाल से ऐसी परम्पराएँ चली आ रही हैं, जिनके पीछे तात्त्विक महत्त्व एवं वैज्ञानिक रहस्य छिपा हुआ है। दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाने का धार्मिक, आध्यात्मिक, शारीरिक, प्राकृतिक व आर्थिक महत्व है। दीपावली की काली रात में एक दीपक किस प्रकार अपने चारों ओर सुंदर प्रकाश को फैलाता है, वह देखने लायक होता है। यदि आप दीपक को ध्यान से देखेंगे तो अवश्य ही आपके मन को शांति मिलेगी व चेतना जागृत होगी। दीपावली पर जलाये जाने वाला दीपक अंधेरे को हटाये जाने के साथ मनुष्य के जीवन को भी प्रकाशमान बनाता है। दीपक का सम्बंध प्रकाश से है और प्रकाश का सम्बंध जीवन से है। प्रकाश का महत्व समस्त प्राणियों के लिए, चर-अचर के लिए कितना है, यह किसी भी व्यक्ति से छुपा नहीं है। दीपक की लौ सिर्फ रोशनी की प्रतीक नहीं है बल्कि वह अज्ञानता के अंधकार को हटाकर ज्ञान के प्रकाश से जीवन को रोशन करने की प्रतीक है। दरिद्रता के तिमिर का नाश कर खुशियों से जीवन को जगमगा देने की प्रतीक है। नकारात्मकता से चौंधियाये अंधेरे मन में सकारात्मकता के प्रकाश की किरणों की प्रतीक है। कार्यक्रम में ग्राम पंचायत भगीना के सरपंच विनोद कुमार, पूर्व सरपंच मास्टर लीलाराम, शिक्षाविद् मुकेश कुमार, सुनिल गाँधी, मनोज कुमार, सतीश कुमार, अंजू गांधी, रणवीर, राधेश्याम आदि अन्य लोग मौजूद रहे।