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आपदा में भी परिवार कल्याण की तैयारी
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झुंझुनूं, कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बहुस्तरीय रणनीति अपनाते हुए कई कदम उठाए हैं, उनमें से प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं एक है, जो अवांछित गर्भधारण, मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए आवश्यक है। परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत आधुनिक गर्भ निरोधक साधनों व परिवार नियोजन सेवाओं की सूचना, परामर्श एवं सेवाएं प्रदान करने के प्रावधान पर जोर दिया गया है। यही वजह है कि विश्व जनसंख्या दिवस पखवाड़े के चलते स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न गतिविधयां प्रारंभ की गई है। जिले में 27 जून से मोबिलाइजेशन पखवाड़ा शुरू हुआ जो 10 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद 11 से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलेगा। सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल ने बताया कि योग्य दम्पत्तियों से संपर्क कर सीमित परिवार और स्थाई व अस्थाई परिवार कल्याण साधनों की जानकारी देने के लिए जिलेभर में मोबिलाइजेशन पखवाड़ा शुरु किया गया है। आगामी 10 जुलाई तक चलने वाले इस पखवाड़े के दौरान जिलें के गांव-ढाणियों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं अपने क्षेत्र में जन-जागृति पैदा करेंगी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना, मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग करते हुए आवश्यक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ नरोत्तम जांगिड़ ने बताया कि दो चरणों में चलने वाले परिवार कल्याण अभियान के पहले चरण में स्वास्थ्य कार्यकर्ता योग्य दंपतियों को सीमित परिवार रखने के लाभ सहित विवाह की सही आयु, विवाह पश्चात कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा, पहले एवं दूसरे बच्चें में कम से कम तीन साल का अंतर, अंतरा इंजेक्शन, प्रसवोत्तर परिवार कल्याण सेवाएं, पुरूषों की परिवार नियोजन में सहभागिता, गर्भपात पश्चात परिवार कल्याण सेवाओं के बारें में संपूर्ण जानकारी देकर उन्हें इन सेवाओं से लाभान्वित होने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पखवाडे के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता लक्षित दम्पत्ति को नसबंदी के लिए प्रेरित करेंगे और आयूडी निवेशन की जानकारी भी देंगे। वहीं महिलाओं को ऑरल पिल्स और दम्पत्तियों को निरोध का वितरण करेंगे। दूसरे चरण में भी परामर्श सेवाओं के साथ ही आमजन को जागरूक किया जाएगा।