झुंझुनू जिले की नवलगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले ही चर्चित और चर्चा का विषय बन गई थी क्योंकि नवलगढ़ की ही एक महिला ने नवलगढ़ विधायक व पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ राजकुमार शर्मा पर दिमागी रुप से परेशान करने जैसे कई आरोप लगाकर नवलगढ़ की राजनीति को गरमा दिया था। नवलगढ़ की ही निशा शर्मा ने जो कि भाजपा के जिला उपाध्यक्ष की पुत्री भी है उसने नवलगढ़ विधायक डॉक्टर राजकुमार शर्मा पर अपने परिवार सहित खुद को परेशान करने और दिमागी रुप से परेशान करने जैसे और भी कई आरोप लगाकर धरने पर बैठ गई थी और नवलगढ़ की जनता से अपील कर एक वीडियो भी वायरल किया था और कहा था कि नवलगढ़ विधायक डॉक्टर राजकुमार शर्मा को इस बार नवलगढ़ विधानसभा चुनाव में हराकर वह उसकी मदद करें। नवलगढ़ की निशा शर्मा विधानसभा चुनाव के तीन-चार दिन पहले ही नवलगढ़ शहर में धरने पर बैठ गई और उसके साथ काफी लोग भी धरने पर थे। निशा शर्मा ने डॉक्टर राजकुमार शर्मा से को हराने के लिए जनता से अपील का एक वीडियो भी वायरल किया और एक वीडियो में निशा शर्मा ने वायरल करते हुए यह बताया था की डॉक्टर राजकुमार शर्मा उसको कई सालों से परेशान कर रहे थे और अब नवलगढ़ से उसको बाहर भी नहीं निकलने दिया जा रहा ऐसे कई आरोप डॉक्टर राजकुमार शर्मा के निशा शर्मा ने लगाकर मुकदमा दर्ज करवाया था। साथ ही डॉक्टर राजकुमार शर्मा को गिरफ्तारी की मांग भी की थी। नवलगढ़ विधायक व पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ राजकुमार शर्मा ने मुकदमा दर्ज होने के बाद कई बार प्रयास किए कि मामले को निपटाया जाए मगर जब उन्हें ऐसा लगा कि निशा शर्मा किसी के बहकावे में आकर उन्हें बदनाम करने के लिए और उनको चुनाव में हराने के लिए ऐसा षड्यंत्र रच रही है तब उन्होंने निशा शर्मा से बातचीत बंद की और कल 7 दिसंबर को जैसे ही विधानसभा चुनाव के मतदान का समय समाप्त हुआ नवलगढ़ विधायक डॉक्टर राजकुमार शर्मा ने आमरण अनशन की घोषणा कर दी। डॉ राजकुमार शर्मा अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ नवलगढ़ में कल 6: बजे बाद आमरण अनशन पर बैठ गए और जिला प्रशासन को चेतावनी भी दी है कि अगर 2 दिन में उन्होंने इस मुकदमे का निष्पक्ष जांच करके दोषी को सजा नहीं दी या इस मुकदमे की निष्पक्ष जांच नहीं की तो वह चक्का जाम जैसे हड़ताल कर बड़ा कदम भी उठा सकते हैं वही डॉक्टर राजकुमार शर्मा ने लॉ इन आर्डर बिगड़ने जैसी भी जिला प्रशासन को चेतावनी दे डाली है शर्मा ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस मुकदमे का दूध का दूध और पानी का पानी नहीं हुआ तो वह चक्का जाम जैसी हड़ताल कर कोई बड़ा कदम भी उठाएंगे जिसकी जिम्मेदारी पूरी प्रशासन की होगी।