एनसीसी बटालियन की बेटियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ दिया जा हैं आत्मरक्षा प्रशिक्षण
रानोली, [राकेश कुमावत ] आर्यन महिला महाविद्यालय शिश्यू रानोली की एनसीसी बटालियन की गर्ल्स के द्वारा कड़ाके की ठंड एवं कोहरे को अपने जज्बे से मात देकर अपने कौशल का शानदार प्रदर्शन कर अंचल में महिला शक्ति की अलख जगा रही है। प्रात काल में विभिन्न गांव एवं ढाणियों से चलकर महाविद्यालय में अध्ययनरत एनसीसी की कैडेट्स बैटिया महाविद्यालय के खेल ग्राउंड पर एकत्रित होकर रोज अभ्यास को अंजाम दे रहे हैं। एनसीसी की बटालियन में चयनित बेटियों का कहना है कि हम नारी हैं लेकिन अबला नहीं सबला है। इसके लिए लगातार प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं। संस्था निदेशक राजेश मुवाल ने बताया कि जब से गर्ल्स कॉलेज शुरू किया था उसी समय बेटियों के जोश जुनून और जज्बे के लिए कुछ अलग करने की मन में थी। जिसके लिए संस्था द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा था। जिसके परिणाम स्वरूप दांतारामगढ़ तहसील में पहली बार संस्था में इसी सत्र से फर्स्ट राज गर्ल्स बटालियन जयपुर द्वारा 53 छात्राओं का चयन किया गया है। रानोली पलसाना कस्बे में केवल आर्यन कॉलेज को ही एनसीसी प्रशिक्षण कराने की जिम्मेदारी मिली है जो कि आगे आने वाले समय में बालिका सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगा। भूतपूर्व सैनिक राजकुमार शेखावत ने बताया की बेटियों को नियमित एनसीसी के अभ्यास के साथ-साथ आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस मौके पर शारदा सैनी एएनओ, महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर प्रकाश ढण्ढ , एमडी रतन लाल शर्मा, शैतान सिंह, आशा चौधरी सहित सैकड़ों व्याख्याता व कर्मचारी मौजूद रहे।पहले सरकार द्वारा राजकीय विद्यालय में एनसीसी एनएसएस, स्काउट यह प्रमाण पत्र के अंक निर्धारित से राजकीय कॉलेजों में प्रवेश में शामिल किया जाता था लेकिन वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नई युवा पॉलिसी तैयार की जा रही है। उसमें एनसीसी/एनएसएस/स्काउट के स्वयं सेवकों को खेल नीति के अनुसार उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर या अवार्ड प्राप्त करने के अनुसार नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था पर विचार विमर्श किया जा रहा है।