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राज्य सरकार शहीदों के परिजनों के दुख-दर्द में सहयोगी, एक परिजन को मिलेगी सरकारी नौकरी – बाजोर

सैनिक कल्याण र्बोड के अध्यक्ष राज्य मंत्री प्रेम सिंह बाजौर ने शनिवार को नीमकाथाना तहसील क्षेत्र में कई जगहों पर किया शहीदों का सम्मान यात्रा जिसमें राजस्थान के 22 जिलों में यात्रा पूर्ण हो चुकी है बाकी जिलों में यह यात्रा चालू रहेगी आगामी 30 जून तक बाकी जिलों में सैनिक शहीद सम्मान यात्रा का समापन होगा। उन्होंने प्रात: 10 बजे शहीद सुनील कुमार यादव की प्रतिमा पर माल्र्यापण करके सम्मान किया गया वह शहीदों की गाथाएं एवं शहीदों के प्रति सम्मान की बात कही बाजौर ने कहा कि शहीद हमारे लिए देवताओं के तरह माननीय व पूजनीय है उन्होंने कहा कि शहीद सैनिको के परिजनों व ग्राम वासियों से कहा कि आपकी समस्या जरूर हल होगी €क्योकि  शहीद देश की रक्षा करने वाला देश के लिए मर मिटने वाला देवता ही है।
उन्होंने शहीदों के संबंध में विचार व्यक्त  करते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मेरी इस शहीद सम्मान मुहिम को चालू करवाया और अपने सरकारी कोटे से शहीदों के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे। राज्यमंत्री शहीद होशियार सिंह सामोता के अंत्येष्टि  स्थल पर पहुंचे और माल्यार्पण कर शहीद के परिवार वह शहीद वीरांगना कविता का शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया, बाद में वहां से कपिल मंडी स्थित संसद सहित जे पी यादव पार्क में शहीद जे पी यादव की अंत्येष्टि स्थल पर माल्र्यापण कर धोक लगाई बाद में संसद शहीद जे पी यादव की वीरांगना को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। सभी ने शहीद के सम्मान में भारत माता के जयकारे के नारे लगाए और शहीद परिवार और वीरांगनाओं की समस्या सुनी एवं समस्या को हल करने का आश्वासन दिया राजेश यादव पार्क में दो एलईडी लाइटों की घोषणा की।
राज्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हमें आदेश दिया है कि हम टीम बनाकर शहीद सम्मान यात्रा में सभी शहीदों का सम्मान करें मैं उनके लिए हमेशा उनके परिवार के साथ खड़े रहे देश आजाद हुआ तब से लेकर अब तक सभी शहीदों का सम्मान करेंगे और जिनकी भी समस्या है वह हमसे मिले हम जिला हेड €र्वाटर आदि विभागों से शहीद परिवारों की समस्या का निदान करेंगे 22 जिले पूरा कर दिए, बहुत से परिवारों के पास शहीदों की फोटो और जानकारी तक नहीं है गांव वालों को भी पता नहीं कि यहां कोई शहीद भी है हम शहीद सम्मान यात्रा के जरिए लोगों को बताएंगे के शहीदों का बलिदान कितना महत्वर्पूण है शहीद परिवारों को पैकेज में सरकारी नौकरी दिलवा रहे हैं उनके नाम से स्कूलों का नामकरण कर रहे हैं शहीदों की मुर्तिया  लगवा रहे हैं शहीद जिनकी संख्या करीब 700 थी उनके परिवारों को जमीन या मकान दिला कर उनकी समस्या का निदान करवाएंगे

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