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राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 9 परीक्षार्थियों को किया डिबार,
झुंझुनूं, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी (प्रारंभिक) परीक्षा-2024 के तहत सरस्वती बाल विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल बलवंतपुरा, नवलगढ़ के परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्रों के पॉलीबैग को परीक्षा कक्ष में खोलने के बजाय केंद्राधीक्षक के कक्ष में खोलने पर प्रक्रियात्मक चूक हुई, परन्तु परीक्षा की गोपनीयता व सुचिता भंग नहीं हुई । इस दौरान 09 परीक्षार्थियों ने परीक्षा नहीं दी व पेपर का बहिष्कार किर दिया था। राजस्थान लोक सेवा आयोग के अनुसार परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षा नहीं देने के मामले में परीक्षा की निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ । जिस पर 9 परीक्षार्थियों की परीक्षा निरस्त कर उन्हें एक वर्ष के लिए आयोग की सभी परीक्षाओं से डिबार (विवर्जित) कर दिया है।
डिबार हुए परीक्षार्थियों की सूची:
- अशोक कुमार (सीकर)
- दिनेश कुमार (झुंझुनूं)
- हरीश कुमार (बुहाना, झुंझुनूं)
- हितेश कुमार (गुढा गौड़जी, झुंझुनूं)
- मनीष कुमार (सूरजगढ़, झुंझुनूं)
- निखिल कुमार (मलसीसर, झुंझुनूं
- प्रीति कुमारी (मंडावा, झुंझुनूं)
- पुरुषोत्तम वर्मा (रींगस)
- सोनल कुमारी (गुढा गौड़जी, झुंझुनूं)
परीक्षार्थियों की व्यक्तिगत सुनवाई के बाद निर्णय
RPSC सचिव के अनुसार, 18 फरवरी 2025 को सभी 9 परीक्षार्थियों की व्यक्तिगत सुनवाई की गई। जांच के दौरान पाया गया कि परीक्षा शुरू होने से पहले स्टील ट्रंक को खोलने के पश्चात सभी प्रश्नपत्र पॉलीबैग में सुरक्षित थे। प्रत्येक पॉलीबैग में 24 प्रश्नपत्र सील्ड थे, जिन्हें परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थियों के समक्ष ही खोला जाना था। हालांकि, केंद्राधीक्षक कक्ष में प्रश्नपत्र खोलने के दौरान दो अभ्यर्थी (प्रीति यादव, रोल नं. 44044334 और विकास पंधाल, रोल नं. 44044328) के अलावा दो राजपत्रित पर्यवेक्षक एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इस तथ्य के आधार पर आयोग ने स्पष्ट किया कि परीक्षा की गोपनीयता भंग नहीं हुई।
परीक्षा केंद्र ब्लैकलिस्ट, पर्यवेक्षकों पर कार्रवाई
प्रक्रियात्मक त्रुटि के कारण आयोग ने सख्त निर्णय लेते हुए परीक्षा केंद्र को भविष्य में आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। वहीं परीक्षा प्रक्रिया में मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन न करने पर पर्यवेक्षक डॉ. महेन्द्र सिंह जाखड़ (आयुर्वेद चिकित्सक, जयसिंहपुरा) व राजपाल गोदारा (प्रधानाचार्य, जाखल) के खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1958 के नियम 17 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।