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कुटुम्ब प्रबोधन की नायाब मिशाल

टूटते संयुक्त परिवारो के लिए है मिशाल

दांतारामगढ़(लिखासिंह सैनी) देश में जब संयुक्त परिवार टूटते जा रहे हैं और पारिवारिक सदस्यों के प्रति जिम्मेदारी का अहसास समाप्त होता जा रहा है उस समय ग्राम पचार तहसील दांतारामगढ में शिवदयाल नट का कुटुम्ब संचालन एवं परिवार के सभी श्रेणी के सदस्यो का आपसी सहयोग व सद्भावना काबिले तारीफ है। चार भाई श्रवण, गोविंद, प्रकाश तथा शिवदयाल के परिवार ने शिक्षा, सहयोग, आत्मीयता और विकास की  मिशाल पेश करते हुए बड़ा भाई जहां ऑफिस असिस्टेंट से सेवानिवृत्त हुए हैं तो सबसे छोटा शिवदयाल वरिष्ठ शिक्षक है। बीच के दोनों भाई  व्यवसाय करते हैं। इन्होने खुद के बच्चो व दो बहनों के बच्चो को उच्च शिक्षा दी है। शिवदयाल नट 20 वर्ष से न केवल अपनी बहन ओर उसके बच्चो का लालन-पालन कर रहे है अपितु उसे जनरल स्टोर दुकान भी बनवा कर दी है। दूसरी बहन के लड़के को अपने पास रख कर उच्च शिक्षा दिला रहे है। यही नहीं यह परिवार सामाजिक सद्भाव के कार्यो में भी अग्रणी रहता है। प्रेरणादायी परिवार ने घुमंतू प्रांत प्रमुख महेन्द्र सिंह, शिक्षाविद बाबूलाल हलदुनिया, शिवभगवान कुमावत, बाबूलाल जाखड़ व सामाजिक कार्यकर्ता धर्म चंद ,रामकुमार चेजारा का सम्मान साफा बंधवाकर तथा संविधान निर्माता भारत रत्न डां.अम्बेडकर का चित्र भेंटकर किया।

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