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सर्व समाज ने डॉक्टर बावलिया को श्रद्धांजलि दी

डॉ बावलिया की तीये की बैठक सम्पन्न

झुंझुनूं, वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ, समाजसेवी एवं संघ के विभाग संघ चालक डॉक्टर दयाशंकर बावलिया की शोक सभा स्थानीय बगड़ रोड स्थित जांगिड़ मंगल भवन में आज शुक्रवार दोपहर 3:00 बजे से 5:00 बजे तक ब्राह्मण समाज, सर्व समाज, झुंझुनू नागरिक मंच, सद्भाव संस्थान, पतंजलि योग समिति, के संयोजन में हुई । सभा संयोजक उमाशंकर महमियां व कमल कांत शर्मा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर को राज्य सरकार की गाइडलाइन के साथ शोसियाल डिस्टेंस में पुष्पांजलि के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई । दिवंगत आत्मा की मुक्ति हेतु राकेश बावलिया व उनके सहयोगियों ने रामधुन गायी। श्रधांजलि सभा में एक संवेदना पुस्तिका रखी गई जिसमें श्रद्धांजलि सभा में पधारे सभी व्यक्तियों ने अपने हस्ताक्षर के साथ डॉक्टर साहब के बारे में अपने भाव रखे। श्रद्धांजलि सभा में महाराज अकाश गिरी, महाराज गणेश आनंद, महाराज चेतन नाथ,उनके परिवार की तरफ से छोटे भाई कृपाशंकर बावलिया, की रजनीश जोशी, संदीप शर्मा, जयपुर से अमरीश कौशिक ,भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, राष्ट्रीय परिषद सदस्य विश्वम्भर पूनिया, संघ प्रचारक सतीश , पूर्व सांसद संतोष अहलावत, डॉ मूल सिंह शेखावत, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा सीकर महेश शर्मा, सहकारी बैंक के प्रबंध निर्देशक भंवर सिंह बाजिया, वरिष्ठ अधिवक्ता महेश शर्मा, भाजपा नेता बनवारीलाल सैनी, राजेंद्र भांभू, डॉ सुमन, महेश बसावतिया , एन एन पारीक , प्रमोद खंडेलिया,राजपाल शर्मा नवलगढ़, एडवोकेट सुशील जोशी, शशी मरोलिया, विकास शर्मा लोटिया, शिवचरण पुरोहित, प्रभुशरण तिवाडी , कैलाश चौटिया नवलगढ़, राजेन्द्र जोशी, रामगोपाल महमिया, पूर्व आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी राजेश शर्मा , चंदू शर्मा हाँसलसर, डॉ एल के शर्मा चिड़ावा , शिव सेना प्रमुख शंकरलाल शर्मा , महेश हरितवाल, डॉ भावना शर्मा, डॉ बी के शर्मा मंड्रेला, एम डी चौपदार , मुरारीलाल सैनी , नेमीचंद पूनिया, महेश जीनगर , पूर्व सभापति खालिद हुसैन, पूर्व पार्षद प्रदीप सैनी,ने डॉक्टर दयाशंकर बावलिया की श्रद्धांजलि सभा में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि डॉ बावलिया एक सरल स्वभाव व उच्च व्यक्तित्व के धनी थे । समाज उत्थान के लिये वे जीवनभर प्रयत्नशील रहे। उनका विराट व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। उन्होंने लोककल्याण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। वे अन्त समय तक अपने कर्तव्यों का पालन करते रहे। उनसे मिलकर नकारात्मक व्यक्ति भी सकारात्मक हो जाता था। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, उनके द्वारा किए गए अ बसच्छे कार्यों की वजह से उनका नाम इतिहास के पटल पर अमर रहेगा। सर्व सामाज में उनका अलग स्थान रहा था।

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