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सीएचसी दूधवाखारा 90 प्रतिशत अंक के साथ एनक्यूएएस नेशनल सर्टिफाइड हुई

भारत सरकार द्वारा 3 साल तक हर वर्ष 3 लाख रुपए मिलेंगे

कायाकल्प में राज्य स्तर पर प्रथम रहने पर 15 लाख का मिल चुका पुरस्कार

चूरू, भारत सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय टीम के द्वारा किये गये निरीक्षण के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दूधवाखारा को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) में नेशनल सर्टिफाइड किया है। सीएचसी दूधवाखारा को निरीक्षण में सभी मापदण्डों में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त हुये हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड कार्यक्रम के तहत सर्टिफाइड होने के लिए निरीक्षण टीम की ओर से लैबर रूम, ओपीडी, लैब, इमजेर्ंसी सहित 10 बिन्दुओं पर निरीक्षण किया। सभी में कम से कम 70 प्रतिशत अंक आना आवश्यक है। सीएचसी दूधवाखारा ने सभी मापदण्ड में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त कर नेशनल सर्टिफाइड हुई है। सीएचसी दूधवाखारा को अब आगामी तीन वर्ष तक 3-3 लाख रूपये मिलेंगे। सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020-21 में कायाकल्प कार्यक्रम में सीएचसी दूधवाखारा को राज्य स्तर पर प्रथम रहने पर 15 लाख रूपये का पुरस्कार मिला था। इसके तीन महीने बाद ही 2020-21 मे ही भारत सरकार द्वारा संचालित नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड में 91 प्रतिशत के साथ राज्य स्तर पर सर्टिफाइड किया गया था। अब नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) में 90 प्रतिशत के साथ नेशनल सर्टिफाइड किया गया है। सीएचसी दूधवाखारा ने 1 साल के अंदर ही राज्य और राष्टीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त किये है। अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व कायाकल्प और क्वालिटी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. भंवरलाल सर्वा ने बताया कि 7 और 8 जनवरी 2021 को भारत सरकार से 2 दिवसीय टीम में हरियाणा से डॉ. वी पी एस दहिया और जम्मू कश्मीर से डॉ. जफर इकबाल चौधरी ने सीएचसी दूधवाखारा का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में सीएचसी दूधवाखारा ने रिकॉर्ड 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किये है। 3 साल तक प्रत्येक वर्ष 3 लाख रुपए कुल 9 लाख रुपए भारत सरकार से पुरस्कार के रूप में हॉस्पिटल विकास के लिए मिलेंगे। सीएचसी प्रभारी डॉ.कमल धानिया ने बताया कि कायाकल्प जीतने के बाद राज्य स्तर से मिले निर्देश के अनुसार 6 महीने के भीतर क्वालिटी सर्टिफाइड हुये हैं। इसका पूरा श्रेय मेरी सीएचसी टीम को जाता है जो टीम भावना के साथ इस मुकाम तक पहुंचे हैं।

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