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शिक्षा से शक्तिशाली कोई शस्त्र नहीं – राज्यपाल राजशेखरन

श्री जगदीशप्रसाद झाबरमल टिबड़ेवाला विश्वविद्यालय का सातवां दीक्षांत समारोह आज मंगलवार को विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आए मिजोरम के राज्यपाल कुम्मनम राजशेखरन को विश्वविद्यालय की ओर से डी. लिट की मानद उपाधि से नवाजा गया। इसी प्रकार कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी एवं राजगढ़ विधायक पद्मश्री कृष्णा पूनिया को भी डी. लिट की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। एक और विशिष्ट अतिथि इस्कॉन से सूरदास प्रभु को भी डी. लिट की उपाधि प्रदान की गई। कार्यक्रम दादूद्वारा बगड़ के पीठाधीश्वर अर्जुनदास महाराज के सानिध्य में हुआ। समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुंबई से आए उद्योगपति विशाल टिबड़ेवाला ने कहा कि यह विश्वविद्यालय हम सब का है। इसे और आगे ले जाना है तथा हमारी युवा पीढ़ी के लिए उच्च शिक्षा के लिए सिरमौर बनाना है। अपने उद्बोधन में उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यपाल राजशेखरन ने कहा कि शिक्षा से शक्तिशाली कोई शस्त्र नहीं है। शिक्षा ही विश्व को बदल सकती है। उन्होंने कहा कि मात्र डिग्री लेना ही अंत नहीं है, बल्कि यह तो एक शुरुआत है। राज्यपाल ने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा का विकास हो रहा है। इससे अन्य राष्ट्रों के विद्यार्थी यहां पर शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित टिबड़ेवाला विश्वविद्यालय की प्रशंसा की और कहा कि युवा पीढ़ी के लिए यह शिक्षा का मंदिर वरदान साबित होगा। अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी कृष्णा पूनिया ने कहा कि किसी भी खेल में बिना कोच सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही अपनी मंजिल तय करनी होगी और अगर इरादा पक्का हो तो कोई भी अड़चन मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। पृनिया ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी अपने विवाह के बाद अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। इसमें उन्हें पति वीरेंद्र पूनिया का सहयोग तो मिला की वे उनके कोच भी बने। इस्कॉन से आए सूरदास प्रभु ने कहा कि भारतीय संस्कृति बहुमूल्य है, यह कोई मिथ्या नहीं है। संस्कृति को भूलना राष्ट्र को भूलना है। उन्होंने गुरुकुल शिक्षा पद्धति को अपनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में मंचासीन विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट बीके टिबड़ेवाला ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर विभिन्न डिप्लोमा, ग्रेज्युएशन, पोस्ट ग्रेज्युएशन, डॉक्ट्रेट की उपाधियां प्रदान की गई। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. अविनाश मेहता ने कहा कि हम समाज को जो भी देंगे उससे दस गुना हमें हासिल होगा। उन्होंने अतिथियों व सभी डिग्रीधारकों का आभार व्यक्त किया। अतिथियों का स्वागत विशाल टिबड़ेवाला, डॉ. मधु गुप्ता, डॉ. शशि मोरोलिया, डॉ. निधि यादव, डॉ. अंजु सिंह आदि ने किया। कार्यक्रम का संचालन वनमाली चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर अलीगढ़ से डॉ. अनुसूईया सिंह द्वारा लगाई गई आर्ट गैलेरी अवलोकन भी अतिथियों ने किया। इस कार्यक्रम में मुंबई से आए राजस्थानी सेवा संघ के उपाध्यक्ष बाबूलाल ढंढ़ारिया, श्रीमती उमा टिबड़ेवाल, डॉ. विजय शर्मा, महावीर गुप्ता, ट्रस्टी सुशील राजगढिय़ा, रामावतार अग्रवाल, राधेश्याम जसरापुरिया, दीनदयाल मोरारका, डॉ. मल्लिकार्जुन श्रीहट्टी, विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी रामनिवास सोनी सहित काफी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।

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