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पालतू कुत्ते बिल्ली के साथ ना खेले होली के रंग

पालतू को रंग लगाने से उसको त्वचा संबन्धित परेशानियाँ हो सकती है

सीकर,[डॉ. योगेश आर्य] होली का त्योहार आने वाला हैं। होली के दिन हम अनजाने मे ही अपने पालतू कुत्ते बिल्ली को भी रंगो से सरोबार कर देते हैं। रंगो के कारण आपके पालतू को क्या क्या समस्याएँ हो सकते है और आपको क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए इसी के बारे मे है ये पूरा आलेख- होली के कृत्रिम रंगो में बहुत सारे रसायन जैसे धातु ऑक्साइड, मर्करी सल्फेट, सीसा और अभ्रक मिले होते है जो पालतू के लिए घातक हो सकते हैं। अतः होली के दिन उनको घर के अंदर ही रखना बेहतर होगा। पालतू को रंग लगाने से उसको त्वचा संबन्धित परेशानियाँ जैसे डर्मेटाइटिस, खुजली, एलर्जी और बालों का उड़ना इत्यादि हो सकता हैं। इससे बचने के लिए होली के दिन एतियाहत के तौर पर पहले ही नारियल का तेल (Coconut oil) त्वचा पर लगा देना चाहिए जिससे त्वचा पर नारियल तेल होने के कारण रंग लग ही ना पाये। पालतू रंग को चाट लेते है जिस से उनको पाचन संबन्धित रोग, इसके अलावा उल्टी-दस्त, अधिक लार गिरना और पोइजनिंग (Poisoning) भी हो सकती हैं। रंग पालतू के आँख और कान मे भी जा सकते हैं। जिससे आँख और कान मे संक्रमण (Infection) भी हो सकता हैं। रंग उड़ने से पालतू को श्वसन संबन्धित दिक्कते जैसे एलर्जी हो जाती हैं|
पालतू पर पानी के गुब्बारे (Water balloons) भी ना फेंके क्योंकि ये उनको चोट पहुँचा सकते हैं। पालतू डर भी जाते हैं, साथ ही तनावग्रस्त और परेशान हो जाते हैं। पालतू के खाने-पीने के बर्तन भी चेक करे उनमे रंग ना गिरा हो। साफ पानी और खाना देना चाहिए। मिठाई और तला हुआ खाना ना दे। पालतू के रंग लग गया हो तो पानी और पालतू के शैंपू (Pet shampoo) से उतारने की कोशिश करे, परंतु कभी भी केरोसिन ना लगाए।
बच्चो को रंग ना लगाने के लिए समझाये और पालतू को अलग कोने में बांध देवे। गुस्सैल पालतू रंगो के कारण बहुत ज्यादा भौंकने लगते हैं, तो कुछ डर कर छिप जाते हैं। अगर बच्चे ज्यादा ही जिद करे तो पालतू को सिर्फ प्राकृतिक रंग हल्दी, कुमकुम, फूलो को पीसकर बनाए गए रंग और चुकुंदर का रस वगेरह लगा सकते हैं। सिर्फ रंग का टीका लगाकर भी काम चलाया जा सकता हैं| रंगो से पालतू को उल्टी, दस्त, एलर्जी, संक्रमण अथवा व्यवहार मे परिवर्तन होने पर तुरंत वेटरनरी डॉक्टर से उपचार करवाए। अपने आस पड़ौस और मित्रों मे “पालतू को रंग ना लगाने के लिए” जागरूकता अभियान चलाये, इसके लिए सोशल मीडिया की भी मदद ले सकते हैं।

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