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आचार्य भगवन श्री विधासागर जी महा मुनिराज को जैन एवं जेनेतर समाज द्वारा भावपूर्ण विनयांजलि अर्पित की

श्री दिगम्बर जैन मंदिर दांता में

दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] आचार्य भगवन श्री विधा सागर जी महा मुनिराज को श्री दिगम्बर जैन मंदिर दांता में जैन एवं जेनेतर समाज द्वारा रविवार को दिन में 1 बजे समस्त विश्व एवं भारत वर्ष के साथ मे सर्वप्रथम आचार्य श्री विधासागर जी महाराज के चित्र के सामने दीप प्रवजलन कर भावपूर्ण विनयांजलि अर्पित की गई एवं वक्ताओ द्वारा, भगवन विधासागर जी महाराज के चरित्र व साधना पर प्रकाश डाला गया और दांता में गुरुवर के प्रवास के बारे में बतलाया गया की सन् 1970 में विद्यासागर महाराज नसीराबाद अजमेर से विहार करते हुए मारोठ, सुरेरा, रामगढ़, दांता रुलाना, खाचरियावास,कुली‌ रेनवाल आदि स्थानों पर आये थे अपने गुरु के साथ उस दौरान विद्यासागर जी महाराज को जैन नसियां दांता व कुली में करीब 20 दिनों तक दांता के इंद्रमणि मास्टर ने संस्कृत पढ़ाई थी । इस दौरान सर्वप्रथम आचार्य श्री विधासागर जी महाराज के चित्र के सामने दीप प्रवजलन हरकचंद जैन (झांझरी) सुनील जी बड़जात्या, सुरेश बजाड़, एडवोकेट भोपाल सिंह, भंवर लाल कुमावत ,धर्म चंद अजमेरा ने किया गया, इनके बाद महिला मंडल मंत्री व पार्षद पूजा जैन (काला) के द्वारा विनयांजलि अर्पित की गई, प्रमिला देवी, ज्योति अजमेरा ,विनीता अजमेरा, सरोज देवी झाझरी के द्वारा व जैन समाज द्वारा विनयांजलि अर्पित की गई जिसमें अनूप पाटनी,अमित काला ,अशोक काला, सुनील झांझरी, भागचंद , जितेन्द्र मिश्रा, मनीष सेठी ,लोकेंद्र अजमेरा व पवन शर्मा, चिरंजी लाल ठेकेदार, तथा अनेक महिलाओं सहित ग्रामवासी मौजूद रहे।

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