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नववर्ष पर आई पोस्टर बाज राजनेताओं की बाढ़

चुनावों की आहट के चलते संभावनाओं को तलाशते

झुंझुनू, झुंझुनू जिले में इस बार नववर्ष पर पोस्टर बाज राजनेताओं की बाढ़ आई हुई है। आप किसी भी शहर या गांव की गली मोहल्ले से गुजरे आपको नव वर्ष के साथ बोनस में मकर सक्रांति की बधाई देते हुए इन राजनेताओं के पोस्टर दिखाई दे जाएंगे। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह पोस्टर बाज राजनेता भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों से सामने आ रहे हैं। दरअसल विधानसभा चुनावके वर्ष के चलते इन लोगों की बाढ़ आई हुई है। लिहाजा पोस्टर के द्वारा क्षेत्र की जनता को नववर्ष की शुभकामनाएं देने की होड़ सी मची हुई है। वही कई राजनीतिक सितारे तो चमकने की आस लगाकर नव वर्ष पर कुछ कार्यक्रम भी आयोजित कर रहे हैं। लेकिन जितने भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा लिए हुए दोनों पार्टियों से जो लोग सामने आ रहे हैं पिछले 4 वर्षों में ना तो उन्हें जनता की समस्याओं से कोई सरोकार रहा और ना ही अपनी पार्टियों की रीति नीति के लिए उन्हें काम करते हुए देखा गया। लिहाजा चुनावी वर्ष में पोस्टर के सहारे राजनीति चमकाने की चाहत में चमकते दमकते रंगीन पोस्टर लगाकर दीवारों को भी विरूपित किया जा रहा है। इनमें से तो कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने पूर्व के किसी बड़े पद पर रहे राजनेताओं के साथ अपनी फोटो छाप कर राजनीति में आगाज करने की आस लगाए बैठे हैं लेकिन अब इन्हें कौन समझाए की वह जमाने अब लद गए। जब पोस्टर देखकर लोगों का जनमानस तैयार होता था अब तो लगातार आम जनता के संपर्क में रहना पड़ता है और उनको समस्याओं से निजात दिलाने के लिए वर्ष भर संघर्ष भी करना पड़ता है। वही दोनों राजनीतिक पार्टियां मैं पोस्टर राजनीति के चलते टिकट पाना असंभव सा है क्योंकि इन पोस्टर बाज राजनेताओं के पास लगातार होने वाले पार्टियों के कार्यक्रम में शामिल होने का वक्त भी नहीं था। पोस्टर बाजी को कभी राजनीतिक गलियारों में शॉर्टकट में चमकने का साधन माना जाता था लेकिन वर्तमान समय में बड़ी बड़ी राजनीतिक शख्सियतों को भी जनता जनार्दन के साथ मैदान में ही डटे रहना पड़ता है ऐसी स्थिति में पोस्टर बाजों को कितनी सफलता मिलेगी यह किसी से छुपी हुई नहीं है।

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