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चौधरी ने अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में नई शिक्षा नीति पर शोध पत्र प्रस्तुत किया

मणिपाल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी मलेशिया के सहयोग से

झूंझुनूं, मणिपाल यूनिवर्सिटी बेंगलुरू के द्वारा मणिपाल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी मलेशिया के सहयोग से उद्योग अकेडमिया विषय पर नई शिक्षा नीति के संदर्भ में दो दिवसीय वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। इसमें नवीन चौधरी ने ‘ राष्ट्रीय शिक्षा नीति – उधोग अकेडमिया पार्टनरशिप की दिशा में एक कदम’ विषय पर अपना शोध पत्र पढ़ा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मणिपाल यूनिवर्सिटी प्रो वाईस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल प्रो वेंकटेश थे। सेमिनार के मुख्य वक्ता यूजीसी के सदस्य एम के श्रीधर , भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मानस रंजन मोहंती, मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चैयरमेन टी वी मोहनदास , चीफ बिज़नेस अधिकारी रोबिन भौमिक, एचडीएफसी बैंक के सीएचआरओ विनय राजदन, उप सीएचआरओ रचना शरूर, आईसीआईसीआई बैंक के सीएचआरओ अमिताभ कुमार सिंह, इक्विटास बैंक के सीईओ पल्लब मुखर्जी, कर्नाटका बैंक की पूर्व जीएम डॉ मीरा अरन्हा , टीमलीज की निदेशक नीति शर्मा सहित प्रमुख शिक्षाविद थे। अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की मुख्य थीम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में उधोग व शिक्षा पार्टनरशिप था। सेमिनार में देश विदेश के 34 रिसर्च स्कॉलर्स को शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिये चुना गया। शोध पत्र में चौधरी ने बताया कि नई शिक्षा नीति में बहुविषयक व समग्र शिक्षा पर बल दिया गया है। जिसमे रिसर्च सहित विद्यार्थी के सर्वांगीण विकाश की एक संपूर्ण योजना दी गयी है। रिसर्च के पश्चात पाया गया कि नई शिक्षा नीति में इंडस्ट्रियल संस्थानों के संदर्भ में कोई सिफारिश नही की गई। वहीं लोकतांत्रिक देश होने के कारण सरकारें बदलती रहती हैं और ऐसे में इस नीति को पूर्णतः लागू करना व शिक्षा समवर्ती सूची का विषय होने के कारण इसको पूर्णतः अमलीजामा पहनाना मुश्किल लग रहा है। तक्षिला व नालंदा मोडल को अपनाकर स्थानीय उधोगों के साथ युवाओं को इंटर्नशिप करवाई जाएगी, जिससे युवा कौशल प्राप्त कर सकें। इसमें युवाओं को संकाय युक्त प्रणाली से बाहर निकालकर आगे बढ़ाने पीकर जोर दिया गया है। चौधरी झूंझुनूं जिले के बुहाना तहसील के देवलावास गांव के रहने वाले हैं। इससे पहले हरियाणा की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में स्वामी श्रद्धानंद जी के जीवन व मणिपाल अकेडमी ऑफ बीएफसआई में कोविड 19 का भारतीय बैंको पर प्रभाव विषय पर भी शोध पत्र के लिये चौधरी को सम्मानित किया गया था।

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