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अब जिले में कोई नहीं रहेगा शौचालय विहीन

दोबारा घोषणा के साथ ही जिले में आवेदकों की लगी लाइन

सूरजगढ़, [के के गाँधी ] जिला खुले में शौच से मुक्त घोषित होने के बाद भी सन 2012 के बेसलाइन सर्वे के बाद अलग हुए एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को शौचालय निर्माण के बाद दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की आर्थिक सहायता की दोबारा घोषणा के साथ ही जिले में आवेदकों की लाइन लग गई है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों को 31 जनवरी तक शत प्रतिशत शौचालय निर्माण का लक्ष्य देने पर पंचायत मुख्यालयों पर शिविर लगाये जाकर शौचालय विहीन परिवारों से आवेदन मांगे गये। सरकार द्वारा शौचालय विहीन परिवारों को शौचालय बनवाने पर 12000 रुपये की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि की सहायता की घोषणा की जानकारी मिलते ही गत सप्ताह ग्राम पंचायतों के कार्यालयों पर आवेदन करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिसे नियंत्रित करना ग्राम सचिवों के बूते से बाहर हो गया। अब तक जिले में 19767 आवेदन पत्र प्राप्त कर ऑनलाइन दर्ज किए गए। इनमे से अकेले उदयपुरवाटी ब्लॉक से12000 से अधिक आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर दिये गये। ग्राम पंचायत छापोली, छावसरी, गुढ़ा गोड़जी, किशोरपुरा, पौंख, पचलंगी पोसाना बागोरा में तो 500 से अधिक संख्या में आवेदन ले लिये गये। प्राथमिक जांच के बाद पाया गया कि अधिकतर लोगों ने एक से अधिक बार सहायता प्राप्त करने के लालच में कर्मचारियों पर दबाव बनाकर आवेदन ऑनलाइन करवा दिये। कुछ पंचायतों के सचिव तथा लिपिक भीड़ के दबाव के डर से मुख्यालय से नदारद भी रहने लगे। स्थिति को नियंत्रण करने के लिये जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने सभी सचिवों को पाबन्द किया है कि प्रत्येक आवेदन की जांच करें कि आवेदक पात्र है एवं इसके परिवार ने शौचालय निर्माण के लिये पूर्व मैं कोई भी सरकारी सहायता प्राप्त नही की है! वर्तमान में स्वीकृत शौचालयों की प्रथम में खाली स्थान की फोटो जावे। तथा अगले 15 दिनों के भीतर उसी स्थान पर शौचालय का निर्माण करवाकर जियो टैगिंग करवाई जाए! ली गई फोटो में शौचालय बनाना प्रमाणित हो तभी प्रोत्साहन राशि दी जाए के नियमों की सख्ती से पालना होने पर सरकारी राशि के बर्बाद होने पर रोक लगी है! उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2019 को देश को खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जाने के बाद जिले के कुछ परिवार शौचालय निर्माण से वंचित रह गए थे। इन परिवारों के नाम अब शौचालय विहीन सूची में जोड़कर स्वीकृति जारी की जा चुकी है। स्वीकृति जारी करने के बाद शौचालयों का निर्माण पूर्ण करवाना पड़ेगा अन्यथा यह समझा जायेगा कि इनके पास शौच करने के लिए कोई अन्य शौचालय का विकल्प मौजूद है। ऐसे ग्रामीणों को शौचालय युक्त परिवार मानकर निर्माण के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि निरस्त कर दी जाएगी। जिले में खुली जगह पर सोच करने व निर्धारित अवधि में शौचालय का निर्माण नहीं करने पर ग्राम पंचायत द्वारा ऐसे लोगों से निर्धारित जुर्माना राशि वसूलने के साथ मिलने वाली राजकीय योजनाओं से वंचित भी होना पड़ सकता है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने 301 ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारियों से यह प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा रहा है कि “अब ग्राम पंचायत में कोई शौचालय विहीन परिवार शेष नहीं है”। जिले में अब तक वर्ल्ड बैंक एंड से 110, महात्मा गांधी नरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना से 4713, निर्मल भारत अभियान से 16469 व स्वच्छ भारत मिशन योजना अंतर्गत 53587; इस प्रकार कुल 76596 शौचालयों का निर्माण हो चुका है! शेष रहे 19767 शौचालयों का निर्माण जल्द ही पूर्ण होगा!

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