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बिन पानी सब सून लौटे – लौटे की झंकार, बीन पानी सब कुछ बेकार

पानी के लिये बाप, बेटा और बाबाजी सालों से दे रहे है आश्वासन 

दांतारामगढ़,[लिखा सिंह सैनी] क्षेत्र अनेक समस्याओं से ग्रसित है, क्षेत्र की प्रमुख समस्या पीने के पानी की है। दांता व आस – पास के क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ कुओं का जाल फैला था। सभी कुओं में पानी भी मीठा था गांव के अंदर ही पनघटों की भरमार थी। गंगासागर, नारायण सागर जैसे अनेक पनघट थे जो जनमानस की प्यास बुझाने के साथ – साथ पशु पक्षियों की भी प्यास बुझाते थे। गर्मी शुरू होते ही जगह -जगह प्याऊ लगवा दी जाती थी। धीरे-धीरे वर्षा कम होने व ग्राम की जनसंख्या बढ़ जाने के वजह से पानी की समस्याने भयंकर रूप धारण कर लिया है। जलदाय विभाग द्वारा चार दशकों पहले पानी की पाईप डाली थी जो काफी निचे थी। दो वर्ष पहले विभाग द्वारा अतिरिक्त लाईने डालकर जलआपूर्ति के विस्तार की योजना बनाई लेकिन समस्या आज भी जस की तस है। दांता व आस – पास के कृषि भूमि के कुओं में पानी सुख जाने से पानी की मांग में वृद्धि हो गई। कुछ लोगों ने पानी के टैंकर आने पौने दामों में बैचे व अब भी जनता का शोषण कर रहे है। दूर -दराज के क्षेत्रों से विभाग  द्वारा पानी की आपूर्ति की जा रही है। सांसद ,विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपने समय के कार्यकाल में जनता से पानी के लिए लम्बे-लम्बे वादे करके जनता को छला गया। वर्तमान सांसद व विधायक भी इस सम्बंध में कुछ भी नही खर पा रहे है। हर बार नलकूप पास होते है लेकिन कागजों में ही। पानी की आपूर्ति तीन चार दिनों से होती है कुछ देर के लिए। समय – समय पर जनता जनप्रतिनिधियों व प्रशासन को ज्ञापन देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराती है लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है। विधायक के पिताजी व विधायक व सीकर सांसद बाबाजी वर्षों से कुंभाराम केनल योजना के सपने दिखवाये जा रहे है लेकिन हकीकत कुछ और ही है आश्वासन के अलावा कुछ नहीं है।नेतृत्व विहीन जनता त्रसित है उनके धेर्य का ओर अधिक परिक्षण गुब्बारे के रूप में फूट सकता है। सरकार आ तो समय रहते इस समस्या का समाधान करे वरना जन आक्रोश के परिणाम भुगतने होगे। तथाकथित छुटभैया नेताओं से भी विनम्र निवेदन है की अपने आकाओं को यथा स्थिति से अवगत करवा दे वरना जनता को सम्भालना बहुत मुश्किल हो सकता है। कहते है ना की प्यासा क्या नहीं करता जनता साधनों के अभाव में कुंये तो नही खोद सकती है।प्रशासन से अपील की जाती है की प्यासी जनता की करुणा पुकार सुने व समय रहते इस समस्या का समाधान करे वरना यह जन समस्या उग्र जनआंदोलन का रुप ले सकती है। जिसे जनता बेकाबू हो सकती है।शीघ्र ही अस्थायी या स्थाई समाधान करें। वैसे भी जनता कोरोना से नही तो प्यास से मरेगी। प्रशासन भीषण गर्मी में राहत देते हुए तत्काल ग्राम पंचायतों के माध्यम से पानी के टैंकरों से जल आपूर्ति करनी चाहिए व लंबित योजनाओं के क्रियान्वयन का रास्ता खोजन चाहिए। भीषण गर्मी में माता बहिनें पनघटों पर एक -एक मटके पानी के लिए घंटों इंतजार करती है । सर्व समाज के लोग व सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधि पार्टीबाजी छोड़कर दांतारामगढ़ क्षेत्र में पानी की समस्या का स्थाई समाधान करवाये ।

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