चूरू जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मनोज मील की पहल पर जिले में नवाचार,
साइबर फ्रॉड सहित उपभोक्ताओं से ठगी के विभिन्न मामलों में आमजन को मिलेगी त्वरित राहत
चूरू, साइबर फ्रॉड और उपभोक्ताओं से ठगी के मामलों में आमजन को त्वरित राहत के लिए चूरू जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग की पहल पर जिले के प्रत्येक थाने में कन्ज्यूमर हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी। किसी प्रकार की धोखाधड़ी के शिकार पीड़ित को हेल्प डेस्क के जरिए कानून-कायदों और शिकायत के लिए उचित मंच की जानकारी देते हुए बताया जाएगा कि किस प्रकार उसके साथ हुई धोखाधड़ी में राहत मिल सकती है। यह शुरुआत करने वाला चूरू राजस्थान का पहला जिला है।
बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में इस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए चूरू जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग की अध्यक्ष मनोज मील ने कहा कि किसी भी प्रकार के फ्रॉड से बचने के लिए जागरुकता और त्वरित कार्यवाही से बेहतर कोई और बात नहीं हो सकती है। पुलिस थानों में लगने वाली हेल्प डेस्क जागरुकता और त्वरित कार्यवाही की दिशा में उपयोगी साबित होगी। इस दौरान उन्होंने साइबर फ्रॉड एवं उपभोक्ता मामलों में होने वाली धोखाधड़ी की प्रकृति, प्रवृत्ति से अवगत करवाया और कानूनों में दी गई सुरक्षा की जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न नियमों और कानूनों का जिक्र किया और आरबीआई की ओर से 2017 में जारी सर्कुलर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यदि बैंक खाते से गलत ट्रांजेक्शन हो जाता है तो उपभोक्ता के सूचित करने के बाद तीन दिन में बैंक की ओर से समुचित कार्यवाही किया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस डेस्क के जरिए नेशनल कन्ज्यूमर हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1915 तथा वॉट्सएप्प नंबर 8800001915 के बारे में भी उपभोक्ताओं को बताएं और इसकी मदद लेने के लिए उन्हें जागरुक व प्रेरित करें। यह हेल्पलाइन देश की 17 भाषाओं में काम करती है। मील ने बताया कि सभी हेल्प डेस्क कार्मिकों का एक वॉट्सएप्प ग्रुप भी बनाया जाएगा, जिसमें उपभोक्ता अधिकारों और नियमों से जुड़ी जानकारी साझा की जाएगी तथा आमजन को जागरुक किया जाएगा। मील ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को भी इस तरह के कानूनों की जानकारी होनी चाहिए तथा उन्हें अपने कार्य का दायरा बढ़ाते हुए आमजन को जागरुक करने की दिशा में काम करना चाहिए। किसी भी प्रकार का अनुचित व्यवहार होने पर व्यक्ति पुलिस की शरण में आता है। इस पहले ही प्लेटफॉर्म पर समुचित मार्गदर्शन मिलने से उपभोक्ता को त्वरित राहत मिल सकेगी।
इस दौरान एडिशनल एसपी लोकेंद्र दादरवाल ने इस पहल का स्वागत किया और सभी थानाधिकारियों से कहा कि हेल्प डेस्क के तौर पर उनके पास आमजन के लिए अधिक बेहतर काम करने का एक सुनहरा अवसर है। यदि इस प्रकार के प्रयासों से साइबर फ्रॉड और उपभोक्ताओं से ठगी के प्रकरणों में कमी आती है या त्वरित राहत मिलती है तो इससे बेहतर और कोई बात नहीं हो सकती है।
इस दौरान डीवाईएसपी सुनील झाझड़िया, आयोग सदस्य संतोष मासूम, आयोग सदस्य सुभाष बरवड़, सीआई सतवीर, यातायात प्रभारी सुभाषचंद्र, एसआई रामशरण, एएसआई गिरधारी लाल, प्रदीप कुमार, गोरूराम, धर्मवीर सिंह, भंवर लाल, रामेश्वर लाल, रामकुमार, श्रीराम, कृष्ण देव सिंह, रोशन लाल, प्रदीप कुमार, धर्मवीर सिंह, राजूसिंह, कैलाश दान, आयोग के अमित कुमार, पवन प्रजापत, सचिन, तरूण, भंवर सिंह आदि मौजूद थे।