झुंझुनूताजा खबरपरेशानी

एक बदहाल गांव की कहानी – गलियों का कचरा बना इस्लामपुर की बदनुमा पहचान

पूर्व सरपंच आमीन मनियार मॉडल लागू करने की आवश्यकता

वार्ड न 4 में जलदाय विभाग की पानी की टंकी के नीचे मृत पड़ा कुत्ता

नालियां कचरे से अवरुद्ध होने के कारण ओवर फ्लो होकर संक्रमण के खतरे के निशान से ऊपर बहती रहती हैं

नालियों से कचरा निकालने के साथ ही होती है ग्रामीणों के दिन की शुरूवात

ग्राम पंचायत के पास कचरा निस्तारण को लेकर नहीं है कोई विजन

कस्बे में कचरा डालने के लिए नहीं है कचरा पात्रों की व्यवस्था

वर्तमान में ग्राम पंचायत की कमान है ग्राम पंचायत प्रशासकों के पास

झुंझुनू, जिले की बड़ी ग्राम पंचायत इस्लामपुर की गलियों में फैला हुआ कचरा इन दिनों कस्बे की बदनुमा पहचान बन चुका है। कस्बे में मार्च के महीने से लेकर सफाई व्यवस्था की कोई समुचित व्यवस्था नहीं होने पर गली मोहल्लों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इसके साथ ही नालियां कचरे से अवरुद्ध होने के कारण ओवर फ्लो होकर संक्रमण के खतरे के निशान से ऊपर बहती रहती हैं। वही इस्लामपुर कस्बे के ग्रामीणों की सुबह की शुरुआत इन नालियों से कचरा निकालने के साथ ही होती है। निकाले गए कचरे को हटाने के लिए किसी भी प्रकार की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यह परेशानी बार-बार देखने को मिलती है। अभी कुछ रोज पहले ही शेखावाटी लाइव ने प्रमुखता से कस्बे की साफ सफाई की बदहाल व्यवस्था की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की थी जिसके बाद से ही जिला प्रशासन और पंचायत समिति प्रशासन का ध्यान इस ओर गया तथा उन्होंने जेसीबी मशीन द्वारा कस्बे के कुछ स्थानों पर पड़े हुए कचरे को उठाकर वहा से हटवाया। लेकिन यह कार्रवाई भी सिर्फ फौरी तौर पर ही की गई। कहा जा सकता है कि जिस स्थान से कचरे को हटाया गया वहां पर सफाई ठीक तरीके से नहीं हुई। ऐसा लगा कि ग्राम पंचायत प्रशासकों ने बेमन से ऊपर अधिकारियों के द्वारा दबाव पड़ने से वह सफाई करवाई है। वही आपको बता दें कि ग्राम पंचायत प्रशासकों के पास वर्तमान में ग्राम की सफाई व्यवस्था को लेकर कोई विजन नहीं है जिसके चलते गांव के गली मोहल्लों में कचरे के ढेर देखे जा सकते हैं। कुछ रोज पहले करवाई गई सफाई महज औपचारिकता बनकर रह गई क्योंकि जिन स्थानों से कचरा उठाया गया वहां पर आधा अधूरा कचरा ही उठाया गया जिसके चलते पड़े हुए कचरे में लोगों ने और कचरा लाकर डाल दिया। यदि उन स्थानों पर अच्छी तरीके से साफ सफाई व्यवस्था करवाई जाती तो शायद नतीजे दूसरे होते क्योंकि आसपास के लोग भी फिर यहां पर कचरा डालने वालों के सामने खड़े हो जाते। वही हम आपको बता दें कि इस्लामपुर ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच आमीन मनिहार ने अपने कार्यकाल में ग्राम की साफ सफाई व्यवस्था और समय-समय पर नालियों के लेकर बहुत ही अच्छा प्रबंध किया था जिसकी चर्चा आज भी गांव के चौपाल पर चलती है। तत्कालीन सरपंच आमीन मनियार ने कस्बे के उन स्थानों को चिन्हित किया जहां पर कचरा ला कर डाला जाता है उन स्थानों पर अच्छी तरीके से साफ सफाई करवा कर बालू मिट्टी लाकर डलवाई गई। साथ ही वहां पर चेतावनी लिखवाई गई कि यहां पर कचरा डालने वाले लोगों को 11 सो रुपए दंड की कार्रवाई की जाएगी। जिसके चलते उनके कार्यकाल में यह समस्या नहीं आई। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीण अपने घरों से निकलने वाला कचरा कहां पर डालें इसके लिए उन्होंने कुछ स्थानों पर ट्रॉलियां रखवा दी थी जिनके अंदर लाकर ग्रामवासी कचरा डाल देते थे और समय-समय पर ट्रॉलियों से कचरे का निस्तारण करवा दिया जाता था। वर्तमान ग्राम प्रशासकों ने ऊपर से अधिकारियों का दबाव आने पर महज अपनी औपचारिकता ही पूरी कर ली उन्होंने ना तो गांव में किसी भी प्रकार के कचरा पात्र रखने की व्यवस्था करवाई और ना ही कचरा डालने के लिए किसी भी प्रकार की ट्रॉली इत्यादि इन स्थानों पर खड़ी करवाई जिसके चलते आज फिर से इन्हीं स्थानों पर कचरे के ढेर लग चुके हैं। वही हम आपको बता दें कि कस्बे के वार्ड नंबर 4 में जलदाय विभाग की टंकी के नीचे पुनः एक बार कचरे के ढेर लग चुके हैं इस स्थान पर भी ग्राम पंचायत प्रशासकों द्वारा सही तरीके से सफाई नहीं करवाई गई थी। जिसके संबंध में वीडियो भेज कर जिला परिषद के अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया था। गौरतलब है कि इस स्थान पर जो पानी की टंकी बनी हुई है उसके नीचे ही वाल्व लगे हैं जहां पर लाकर गांव का संक्रमित कचरा डाला जाता है। जिससे गांव के बड़े क्षेत्र में संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है। वहीं जलदाय विभाग के अधिकारियों को भी इस बारे में कई बार सूचित करवा दिया गया है लेकिन उन्होंने भी टंकी के नीचे की जगह को कवर करने के लिए किसी भी प्रकार की सजगता नहीं दिखाई जिसके चलते वहां पर लोगों द्वारा कचरा डाला जा रहा है। वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है इसके साथ ही गर्मियों के समय में दूषित वातावरण होने से उल्टी, दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ने की भी आसार बने हुए हैं। यदि शीघ्र ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आगामी समय में संक्रमण के कारण कस्बे में बीमारियां फैल सकती हैं।

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