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हर घर में तुलसी का वासा, रहे सदा नरहरि के पासा

श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था की अनूठी मुहीम

झुंझुनू, हर घर में तुलसी का वासा, रहे सदा नरहरि के पासा, इसी भावना को आत्मसात करते हुए श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था द्वारा तुलसा लगे हुए गमले वितरण किए जाने का शुभारंभ सोमवती अमावस्या के शुभ अवसर पर 20 जुलाई को प्रातः 9:00 बजे से चूना का चौक रानी सती रोड स्थित आशीर्वाद पैलेस से किया गया। संस्थान के ट्रस्टी डॉक्टर डीएन तुलस्यान ने जानकारी देते हुए बताया कि हर घर में तुलसा वितरण के लिए शहर के विभिन्न स्थानों एवं कांपलेक्स जिसमें श्रद्धा एंक्लेव, कमल हाइट्स, मोदी रोड, छावनी बाजार सहित विभिन्न जगहों पर तुलसा लगे हुए गमले भेजे जा रहे हैं। इस अनूठी मुहीम की शुरुवात के अवसर पर संस्थान के ट्रस्टी डॉक्टर डीएन तुलस्यान, सीए पवन केडिया, रोहिताश बंसल एवं सुनील तुलस्यान सपरिवार उपस्थित थे।
आओ जाने तुलसी की महिमा –
वनस्पतियों के बीच कुछ की पूजा का विशेष महत्व है. इनमें तुलसी का महत्व सबसे अधिक बताया गया है.

  • आध्यात्मिक पक्ष:
    संस्कृत में तुलसी को ‘हरिप्रिया’ कहते हैं. धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी लगाने से, पालने से, सींचने से, इसके दर्शन करने से, स्पर्श करने से लोगों के पाप नष्ट हो जाते हैं. तुलसी से प्रार्थना की गई है, ‘हे तुलसी! आप सम्पूर्ण सौभाग्यों को बढ़ाने वाली हैं, सदा आधि-व्याधि को मिटाती हैं, आपको नमस्कार है.’
    महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्य वर्धिनी। आधिव्याधि हरिर्नित्यं तुलेसित्व नमोस्तुते। सिर्फ जीवन की नहीं, बल्‍कि अंत काल में भी तुलसी काम आती है. सनातन धर्म में व्यक्ति के मरने से पूर्व उसके मुख में तुलसी जल डालने की प्रथा है। तुलसी की महिमा बताते हुए भगवान शिव नारदजी से कहते हैं, ‘तुलसी का पत्ता, फूल, फल, मूल, शाखा, छाल, तना और मिट्टी आदि सभी पवित्र हैं.’ ऐसा माना जाता है कि जिन घरों में तुलसी का पौधा लगाया जाता है, वहां सुख-शांति और समृद्धि आती है. आस-पास का वातावरण पवित्र होता है. मन में पवित्रता आती है।
  • तुलसी के प्रकार:
    तुलसी हर रूप में कल्याणकारी है. यह ‘राम तुलसी’, ‘श्याम तुलसी’, ‘श्वेत तुलसी’, ‘वन तुलसी’ व ‘नींबू तुलसी’ आदि के नाम से पाई जाती है.
  • आयुर्वेद में तुलसी का महत्व
    तुलसी को वेद में महौषधि बताया गया है, जिससे सभी रोगों का नाश होता है. यह एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-एजिंग, एंटी-बैक्टेरियल, एंटी-सेप्टिक व एंटी-वायरल है. इसे फ्लू, बुखार, जुकाम, खांसी, मलेरिया, जोड़ों का दर्द, ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, पायरिया, हाइपरटेंशन आदि रोगों में लाभकारी बताया गया है. माना जाता है कि जिन घरों में तुलसी का पौधा होता है, वहां कोई भी वास्तुदोष नहीं होता है. इससे वातावरण और पर्यावरण की रक्षा तो होती ही है।

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