झुंझुनू जिले के घरड़ाना खुर्द में शहीद कुलदीप सिंह राव का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
वीरांगना ने पूरे समय अपने पति की तस्वीर को अपने सीने से लगाये रखा
झुंझुनू, कुलदीप जैसे कुल को गौरन्वान्वित वाले दीपक विरले ही पैदा होते है लेकिन शेखावाटी की धरा हमेशा से ही ऐसे कुल के वीरों की खान रही है। दुनियाँ में शायद ही ऐसी जननी और जन्म भूमि होगी जो ऐसे कुलदीपकों को अपने गोद में पल्लवित करके राष्ट्र के नाम पर न्यौछावर करके हर्षित होती होगी। जी हा, शेखावाटी की धरा का आज एक और वीर जननी की गोद छोड़ कर जन्म भूमि की गोद में समा गया जो सैकड़ो सालों तक यहाँ के युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करेगा। तमिलनाडु के कुन्नूर के घने जंगलों में हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए झुंझुनूं जिले के घरडाना खुर्द निवासी स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह राव का शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव घरड़ाना खुर्द में अंतिम संस्कार किया गया। मां कमला देवी एवं पिता रणधीर सिंह, वीरांगना याश्वनी, बड़ी बहन अबिता ने अपने लाड़ले की अंतिम यात्रा में भाग लिया और अंतिम संस्कार तक वहां रूकी रही। सेना व पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर एवं हवाई फायर कर कुलदीप को श्रंद्धाजलि दी। अंतिम यात्रा में शामिल शहीद की पत्नी याश्वनी ने अपने पति के शव को मुखाग्नि दी और सैल्यूट करते हुए अंतिम विदाई दी। वीरांगना ने पूरे समय अपने पति की तस्वीर को अपने सीने से लगाये रखा। अपने एकलौते बेटे को खोने का गम तो था, परन्तु उसकी काबलियत पर गर्व भी था, तभी तो दिल पर पत्थर रखर कर मां कमला देवी ने बेटे की पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित किए। वहीं पिता ने सेल्यूट कर अपने बेटे को अंतिम विदाई दी।
युवाओं ने अपने लाड़ले कुलदीप सिंह की अंतिम विदाई को ऎतिहासिक बनाने के लिए बाईक रैली निकाली। इस दौरान 20 से अधिक डीजे पर देश भक्ति से ओतप्रोत गीतों के बीच शहीद जिंदाबाद के नारे लगाते हुए हजारों की संख्या में युवक टैक्टर, गाड़ी, बाईक के माध्यम से अंत्येष्ठि स्थल पर पंहुचे। हवाई पट्टी से रवाना हुई शहीद यात्र को 40 किलोमीटर तक के रास्ते में सैकड़ों जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। शहीद कुलदीप सिंह की बड़ी बहन अबिता राव भी सेना में डिप्टी कमांडेंट हैं। अभी उसकी ड्यूटी दिल्ली स्थित कोस्ट गार्ड में है। अपने लाडले भाई की अंतिम यात्रा के दौरान कुलदीप की बहिन अपनी यूनिफॉर्म में नजर आई और सेल्यूट कर अपने भाई को अंतिम विदाई दी। कुलदीप के परिवार का देश सेवा का पहले से नाता रहा है। कुलदीप के दादा कृपाराम राव भी सेना में थे। वहीं पिता रणधीर सिंह राव नेवी से रिटायर्ड है। बड़ी बहन अबिता राव भी सेना में डिप्टी कमांडेंट हैं। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, सांसद नरेंद्र कुमार, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, जिला कलेक्टर उमरदीन खान, पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन, जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरी, विधायक सुभाष पूनियां, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व विधायक श्रवण कुमार, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी आदि उपस्थित रहे।